नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के एक समूह ने भारत के मुख्य न्यायाधीश को मीडिया रिपोर्टों पर स्वत: संज्ञान लेने के लिए एक याचिका दायर की है। जिसमें उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एसएस लॉ कॉलेज की एक छात्रा के छात्रावास से लापता होने की बात कही गई थी। सुप्रीम कोर्ट के वकीलों का कहना है कि वह नहीं चाहते कि एक उन्नाव हो। लापता छात्रा के माता-पिता ने पुलिस के पास अपनी बेटी के लापता होने की शिकायत दर्ज करवाई थी। उन्होंने इसके लिए कॉलेज के निदेशक और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को जिम्मेदार बताया है।
इस मामले पर प्रियंका गांधी वाड्रा का कहना है, "पिछले ही साल आरोपी पर से बलात्कार का मुकदमा भाजपा सरकार ने वापस लिया था। बहुत साफ है सरकार किसके साथ खड़ी है। यूपी की लड़कियां सब देख रही हैं।" मामले में कॉलेज के प्रबंधक पूर्व गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ चौक कोतवाली पुलिस को रिपोर्ट दर्ज करनी पड़ी। डीजीपी की फटकार के बाद बैकफुट पर आई पुलिस ने मंगलवार रात रिपोर्ट दर्ज होने की जानकारी दी। हालांकि छात्रा के पिता की ओर से दी गई तहरीर में बेटी व अन्य छात्राओं का शारीरिक शोषण व दुष्कर्म करने और जान से मारने की धमकी का आरोप लगाया गया था।
इस मामले में एडीजी अविनाश चंद्र का कहना है कि चूंकि छात्रा अभी गायब है इसलिए वीडियो से दुष्कर्म के आरोप की पुष्टि नहीं हो पा रही है। छात्रा के मिलते ही उसके बयान और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर मुकदमा तरमीम करा दिया जाएगा।
रात लगभग साढ़े आठ बजे एसपी डॉ. एस चन्नप्पा ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है और लापता छात्रा के परिवार को सुरक्षा भी मुहैया कराई गई है।
मालूम हो कि शहर के एक मोहल्ले की छात्रा ने 24 अगस्त को फेसबुक पर वीडियो वायरल करते हुए एसएस लॉ कॉलेज के प्रबंधक स्वामी चिन्मयानंद पर गंभीर आरोप लगाया था। इसके अगले दिन से छात्रा के लापता होने की जानकारी उसके परिजनों को मिली। फिर छात्रा के पिता ने चौक कोतवाली पहुंचकर शाम करीब चार बजे तहरीर दी। मंगलवार को मामले में चिन्मयानंद व अन्य के खिलाफ धारा 364 व 506 के तहत मामला दर्ज किया गया।