बागपत. उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में गुरुवार सुबह यमुना नदी में किसानों और मजदूरों से भरी नाव डूबने से कम से कम 22 लोगों की मौत होने की खबर है। जिला प्रशासन की तरफ से इसकी पुष्टि की गई है। जिला प्रशासन ने बताया कि हादसे के बाद करीब एक दर्जन लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। नाव में करीब 60 यात्री सवार थे। पुलिस और प्रशासनिक अफसर मौके पर हैं। बचाव कार्य जारी है. घटना के बाद पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के देर से पहुंचने से गुस्साएं स्थानीय ग्रामीणों ने हंगामा किया। दिल्ली-सहारनपुर हाईवे जाम कर दिया और प्रशासन पर पथराव शुरू कर दिया। पुलिस अफसरों की भी पिटाई की है। बताया जा रहा है कि नाव में 60 से ज्यादा यात्री सवार थे। राहत व बचाव कार्य जारी है। मौके पर डीएम-एसपी पहुंच चुके हैं। मौके पर मौजूद जिलाधिकारी भवानी सिंह ने बताया कि नाव में क्षमता से अधिक करीब 60 यात्री सवार थे। इनमें अधिकांश महिलाएं थीं. नाव जैसे ही बीच नदी में पहुंची, अचानक डूब गई। जिलाधिकारी के अनुसार पुलिस और पीएसी की बचाव दल की टीमों ने अभी तक 22 शव निकाले हैं। जबकि करीब एक दर्जन लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है।
उन्होंने बताया कि नाव में सवार अधिकांश लोग बागपत से हरियाणा में मजदूरी करने जा रहे थे। पुलिस के अनुसार नाव की क्षमता 15 यात्रियों की थी, लेकिन उसमें करीब 60 यात्री सवार थे। उधर, हादसे के बाद मृतक के परिजनों और ग्रामीणों द्वारा हंगामा जारी है। पुलिस लोगों को शांत करने की कोशिश में जुटी है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बागपत में हुए नाव हादसे पर गहरा शोक जताया है। डीएम को लोगों की हर संभव मदद कराने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने नाव हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान भी किया है। घटना से गांव काठा में कोहराम मचा हुआ है जबकि प्रशासन की निष्क्रियता से नाराज लोगों ने दिल्ली सहारनपुर हाइवे को जाम कर दिया है। मिली जानकारी के अनुसार बागपत के काठा गांव निवासी अनेक महिला और पुरुष हर रोज नाव द्वारा यमुना पार करके मजदूरी और खेती किसानी के लिए हरियाणा जाते हैं।