लखनऊ: शिक्षामित्र अपने समायोजन को बनाए रखने के लिए आज (सोमवार) से देश की राजधानी दिल्ली में धरना देंगे। वे नई दिल्ली में जंतर मंतर पर धरने पर बैठेंगे। शिक्षामित्रों ने अपने धरने को आमरण अनशन में बदलने की चेतावनी भी दी है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो वे इसे अनिश्चितकालीन अनशन में तब्दील करेंगे। 11 सितंबर से 14 सितंबर तक ये प्रदर्शन चलेगा। अभी शिक्षामित्रों को धरने के लिए 4 दिन की अनुमति मिली है। धरने को सफल बनाने के लिए शिक्षामित्र संघ के नेताओं ने जिलों से लेकर गांव तक में शिक्षामित्रों से मुलाकात कर दिल्ली जाने का आह्वान किया। हर जिले में इसकी तैयारी बैठक भी की गई। आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र शाही ने कहा कि 50 हजार से ज्यादा शिक्षामित्र दिल्ली पहुंच रहे हैं। वहीं, शिक्षामित्र संघों के बड़े नेता दिल्ली पहुंच चुके हैं। शिक्षामित्रों का समायोजन 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द कर दिया गया है। वहीं उन्हें टीईटी पास करने के बाद ही भर्ती में मौका देने की बात भी फैसले में है। लेकिन शिक्षामित्र लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि केन्द्र सरकार कानून में संशोधन कर उन्हें समायोजित कर सकती है।
वहीं वे शिक्षक बनने तक समान कार्य, समान वेतन की मांग पर अड़े हैं। भारतीय जनता पार्टी ने योगी आदित्यनाथ सरकार के ऋणमोचन कार्यक्रम की प्रशंसा की है। पार्टी ने कहा है कि इस योजना से प्रदेश के लघु और सीमांत किसानों के जीवन में बड़ा बदलाव आने जा रहा है। इससे किसानों की ना सिर्फ मुश्किलें खत्म होंगी बल्कि वे अपने पैरों पर भी खड़े हो सकेंगे। रविवार को पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी का यह ऐतिहासिक फैसला इस बात के लिए भी याद रखा जाएगा कि किस तरह पहली ही कैबिनेट में योगी सरकार ने कर्ज माफी का ऐलान किया और समाज के हर वर्ग के लोगों ने इस फैसले का स्वागत किया।