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लखनऊ: भाजपा की केन्द्रीय चुनाव समिति ने बिना देर किए खाली हुई पांचों विधान परिषद सीटों के लिए हो रहे उपचुनाव में मुख्यमंत्री, दोनों उपमुख्यमंत्री और अन्य दो मंत्रियों को प्रत्याशी घोषित कर दिया है। अब सीएम योगी आदित्य नाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य व डा. दिनेश शर्मा, परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वतंत्रदेव सिंह और अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री मोहसिन रजा विधान परिषद का चुनाव लड़कर सदन में पहुंचेंगे। विधान परिषद का उपचुनाव लड़ने वाले इन सभी पांचों का विधान परिषद सदस्य बनना तय है। कारण यह कि विधानसभा में भाजपा और उसके सहयोगी दलों के 325 सदस्य हैं। 18 सितम्बर को इनके वोट के सहारे मुख्यमंत्री, दोनों उप मुख्यमंत्री और दोनों मंत्री आसानी से विधान परिषद पहुंच जाएंगे। सीएम योगी आदित्य नाथ गोरखपुर से लोकसभा सांसद हैं। केशव प्रसाद मौर्य फूलपुर से सांसद हैं जबकि उपमुख्यमंत्री डा.दिनेश शर्मा, मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और मोहसिन रजा अभी किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। 19 मार्च को भाजपा सरकार में सभी ने शपथ ली थी। नियमानुसार मंत्री पद बरकरार रहने के लिए 19 सितंबर तक पांचों को विधान सभा या विधान परिषद का सदस्य होना जरूरी है।

इसके लिए भाजपा को सपा-बसपा के विधान परिषद से इस्तीफा देने वाले यशवंत सिंह, बुक्कल नवाब, ठाकुर जयवीर सिंह, सरोजनी अग्रवाल और अशोक बाजपेई की खाली सीटें मिली हैं। इस्तीफा देकर ये सभी भाजपा में शामिल हो चुके हैं लेकिन सपा से बसपा में आए अंबिका चौधरी ने विधान परिषद की सदस्यता से तो इस्तीफा दिया लेकिन बसपा छोड़ने से इनकार कर दिया। इससे पहले, जब केंद्रीय चुनाव आयोग ने विधान परिषद की खाली हुई छह सीटों में से केवल चार पर उपचुनाव की अधिसूचना जारी की तो कसायबाजी का दौर तेज हो गया था। अटकलें लगाई जाने लगीं कि किसी एक मंत्री को इस्तीफा देना ही पड़ सकता है। या किसी मंत्री को संगठन की बागडोर सौंपी जा सकती है। किसी मंत्री को केन्द्र भेजा जा सकता है। इस पर विराम तब लगा जब चुनाव आयोग ने मंगलवार को बसपा से भाजपा में आए एमएलसी ठाकुर जयवीर सिंह की रिक्त सीट पर चुनाव कराने की अधिसूचना जारी कर दी। इसके बाद भाजपा की केन्द्रीय चुनाव समित के सचिव जे.पी.नड्डा ने बुधवार को तुंर तही पांचों को विधानपरिषद प्रत्याशी घोषित कर दिया। योगी-केशव को चुनाव जीतने के बाद संसदीय सीट से इस्तीफा देने के लिए 15 दिन का मौका ऐसी संभावना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ गोरखपुर संसदीय सीट और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य फूलपुर संसदीय सीट से विधान परिषद चुनाव जीतने के बाद इस्तीफा देंगे। नियम यह है कि चुनाव जीतने के बाद इनके पास इस्तीफा देने के लिए 15 दिन का मौका है।

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