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नई दिल्ली: यदि पांच चरणों तक देखा जाए तो दागी उम्मीवारों की संख्या 50 फीसदी से भी कम हुई। पांचों चरणों में 17 फीसदी प्रत्याशी ही दागी हैं जबकि 2012 के विधानसभा चुनावों में 35 फीसदी दागी उम्मीदवार मैदान में थे। पांचवे चरण में 19 फीसदी उम्मीदवार दागी हैं। ये ब्यौरा एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) व उप्र इलेक्शन वॉच के विश्लेषण में निकल कर आया है। इलेक्शन वॉच के यूपी समन्वयक संजय सिंह ने लखनऊ में रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि चुनाव सुधारों को इस संकेत से बल मिल रहा है। लगातार पांचवे चरण में दागी उम्मीदवारों की संख्या का औसत पिछले चुनावों से कम है। पांचवें चरण में 19 फीसदी उम्मीवार ऐसे हैं जिन पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। 617 उम्मीदवारों में 117 उम्मीदवार दागी हैं और इनमें से 16 फीसदी ऐसे हैं जिन पर गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। 9 उम्मीदवार ऐसे हैं जिन पर हत्या से संबंधित मामले दर्ज हैं तो 24 पर हत्या के प्रयास से संबंधित मामले आईपीसी की धारा 307 के तहत दर्ज हैं। आठ प्रत्याशी ऐसे हैं जिन पर महिलाओं पर अत्याचार से संबंधित मामले दर्ज हैं। चार ने अपने ऊपर अपहरण से संबंधित मामलों की घोषणा की है। यदि दलों की बात की जाए तो इस चरण में बसपा के सबसे ज्यादा प्रत्याशी दागी है। बसपा के 45 फीसदी प्रत्याशी दागी हैं। दूसरे नंबर पर भाजपा व सपा है जिसके 41 फीसदी प्रत्याशी दागी हैं। गंभीर आपराधिक मामलों में भी बसपा टॉप पर है।

वहीं 22 ऐसे निर्वाचन क्षेत्र हैं जहां 3 या 3 से ज्यादा उम्मीदवार ऐसे हैं जिन पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।

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