बेंगलुरु: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी 'भारत जोड़ो यात्रा' के तहत इन दिनों कर्नाटक में घूम रहे हैं। शनिवार को तुमकुरु में उन्होंने मीडियाकर्मियों से बातचीत में भाजपा और आरएसएस पर जमकर निशाना साधा। राहुल ने कहा कि मेरी समझ के मुताबिक आरएसएस अंग्रेजों की मदद करता था और सावरकर को अंग्रेजों से वजीफा मिल रहा था। उन्होंने कहा कि ये ऐतिहासिक तथ्य है... स्वतंत्रता संग्राम में कहीं भी भाजपा नहीं दिखेगी।
राहुल गांधी ने कहा कि यह कांग्रेस पार्टी के नेता थे जिन्होंने अंग्रेजों से लड़ाई की, जिन्होंने जेल में कई साल बिताया। महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, वल्लभ भाई पटेल... उन्होंने अंग्रेजों से लड़ते हुए अपनी जान दे दी। उन्होंने कहा, 'इससे फर्क नहीं पड़ता कि नफरत फैलाने वाले व्यक्ति कौन हैं और किस समुदाय से आते हैं। नफरत और हिंसा फैलाना एक राष्ट्र-विरोधी कार्य है और हम हर उस व्यक्ति के खिलाफ लड़ेगे जो नफरत फैलाएगा।' राहुल गांधी ने इन आशंकाओं को खारिज कर दिया कि गांधी परिवार पार्टी के अगले अध्यक्ष को रिमोट से नियंत्रित कर सकता है।
उन्होंने कहा कि अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे दोनों उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खरगे और शशि थरूर कद्दावर और अच्छी समझ रखने वाले व्यक्ति हैं। कुछ लोगों का कहना है कि गांधी परिवार अगले कांग्रेस अध्यक्ष को रिमोट से नियंत्रित कर सकता है। इस बारे में पूछे जाने पर गांधी ने कहा, 'दोनों लोग जो (चुनाव में) उतरे हैं, उनकी एक हैसियत है, एक दृष्टिकोण है और वे कद्दावर व अच्छी समझ रखने वाले व्यक्ति हैं। मुझे नहीं लगता कि उनमें से कोई भी रिमोट कंट्रोल से चलने वाला है। सच कहूं तो ये बातें उन्हें अपमानित करने के लिए कही जा रही हैं।'
'2024 के चुनावों के लिए नहीं है भारत जोड़ो यात्रा'
राहुल गांधी ने कहा कि 'भारत जोड़ो' यात्रा 2024 के चुनावों के लिए नहीं है। हम भाजपा, आरएसएस की ओर से किए जा रहे देश विभाजन के खिलाफ लोगों को एकजुट करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हम नई शिक्षा नीति का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि यह हमारे इतिहास, परंपराओं को विकृत कर रही है। हम विकेंद्रीकृत शिक्षा प्रणाली चाहते हैं। राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के लिए मल्लिकार्जुन खरगे और शशि थरूर की उम्मीदवारी पर कहा कि वे कद्दावर और अच्छी समझ रखने वाले लोग हैं।
इससे पहले मांड्या में राहुल गांधी ने कहा कि अकेले हिंदी को राष्ट्र भाषा बनाने का कोई इरादा नहीं है और कन्नड़ जैसी क्षेत्रीय भाषाओं की पहचान को कोई खतरा नहीं है। राहुल गांधी ने शुक्रवार को कई शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधियों और शिक्षकों के साथ बातचीत में यह बात कही। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री प्रियांक खड़गे ने पत्रकारों को 'भारत जोड़ो यात्रा' को लेकर आगे की जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी के साथ कन्नड़ की पहचान को लेकर बातचीत की गई। फिर उन्होंने कहा कि प्रत्येक मातृभाषा अहम है। हम सभी भाषाओं का सम्मान करते हैं। संविधान में सभी को अधिकार प्राप्त है।'