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बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले बेंगलुरु के एक अपार्टमेंट से लगभग 10,000 मतदाता पहचान पत्रों के मिलने के बाद सियासी पारा अपने उफान पर है। इस संबंध में मंगलवार देर रात चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कीं। चुनाव आयोग ने इन पहचान पत्रों की जांच के आदेश दिए हैं।

भाजपा ने इस सबंध में एक काग्रेस नेता पर आरोप लगाया है और कहा है कि यह अपार्टमेंट एक कांग्रेसी नेता का है। भाजपा ने चुनाव आयोग से मांग की है कि राजा राजेश्वरी नगर निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव रद्द कर दिए जाएं। भाजपा के आरोप के बाद कांग्रेस ने पलटवार किया है और कहा है कि यह सब भाजपा की ड्रामेबाजी है। कांगेस ने साथ ही भाजपा पर नकली सबूत का आरोप लगाया।

कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी संजीव कुमार ने इस संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि 9746 मतदाता पहचान पत्र असली लग रहे हैं और उन्हें छोटे पैकेट में रखा गया है और उनपर पता और नाम दर्ज है। उन्होंने कहा कि उचित समय पर उचित कार्रवाई की जाएगी। मामले की अभी जांच चल रही है और अगले 24 घंटों में हमें और तथ्यों का पता करेंगे, जिसके बाद उचित फैसला लेंगे।

केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा ने इस संबंध में ट्वीट किया और कहा कि यह लोकतंत्र पर हमला है। उन्होंने ट्रंक में रखे नकली फोटो आईडी कार्ड के की तस्वीरें भी पोस्ट की।

राजा राजेश्वरी नगर बेंगलुरु के बड़े निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है और यहां लगभग 4.71 लाख मतदाता हैं। वर्ष 2013 में यह सीट कांग्रेस के मुनीरथना के पास चली गई थी, जिन्होंने 37 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया था। मुनिराथना, जो फिर से चुनाव की मांग कर रहे हैं।

भाजपा के मुताबिक, निर्वाचन क्षेत्र के स्थानीय नेताओं ने अपनी जगह खोज ली थी। सदानानादा गौड़ा ने कहा है कि उन्होंने 20,000 से अधिक आईडी कार्ड, पांच लैपटॉप, एक प्रिंटर और नामांकन के लिए नए मतदाताओं द्वारा उपयोग किए जाने वाले हजारों चुनाव आयोग के फॉर्मों की खोज निकाला था।

केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने इस संबंध में बाद में ट्वीट कर कांग्रेस पर हमला बोला और कहा कि यह आगामी चुनाव में कांग्रेस की हार के पहले का षड्यंत्र है।

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