बेंगलुरु: अब सस्ता खाना बेंगलुरु के उन वार्डों में भी मिलेगा जहां राज्य सरकार जगह की कमी की वजह से इंदिरा कैंटीन नहीं बना सकी। 18 इंदिरा कैंटीन ऑन व्हील्स की शुरुआत आज बेंगलुरु में की गई। इसके साथ ही बेंगलुरु के 198 में से 188 वार्डों में सस्ता खाना मिलने लगेगा। सरकार का इरादा सभी वार्डों में फरवरी तक इंदिरा कैंटीन की शुरू करने का है। जहां इंदिरा कैंटीन के एक भवन पर तकरीबन 28 लाख रुपये का खर्च आता है वहीं मोबाइल इंदिरा कैंटीन पर लगभग 14 लाख का खर्च आता है।
मोबाइल इंदिरा कैंटीनों की शुरुआत करते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि "जल्द ही इन कैंटीन ऑन व्हील्स की शुरुआत शहर के अस्पतालों, रेलवे स्टेशनों और दूसरी भीड़भाड़ वाली जगहों पर की जाएगी।"
इंदिरा कैंटीन की शुरुआत पिछले साल अगस्त में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने की थी। इनमें नाश्ता 5 रुपये में और दोपहर और रात का खाना 10-10 रुपये में मिलता है। यानी तीन वक्त के खाने पर प्रति व्यक्ति 25 रुपये लिए जाते हैं, जबकि सरकार इस पर 32 रुपये खर्च करती है। तीन लाख लोगों के खाने पर सरकार सालाना 115 करोड़ रुपये खर्च करती है।
हाल ही में दो-तीन लोगों को खाने में कॉकरोच यानी तिलचट्टा मिला था। सीसीटीव फुटेज से पता चला कि इन्हीं लोगों ने खाने में तिलचट्टा मिला था। बाद में उन्हें गिरफ्तार किया गया।
वृहत बेंगलुरु महानगर पालिका के कमिश्नर मंजूनाथ प्रसाद ने कहा कि "हमने इंदिरा कैटीनों और केंद्रीकृत किचन की सुरक्षा और गुणवत्ता की जिम्मेदारी सैनिक वेलफेयर बोर्ड के ज़िम्मे की है ताकि शरारती तत्वों पर नज़र रखी जा सके।" सरकार हर एक इंदिरा कैंटीन वार्डन को 20 हजार रुपये और सुपरवाइजर को 40 हज़ार रुपये प्रति माह देगी।
इंदिरा कैंटीन की शुरुआत पिछले साल अगस्त में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राहुल गांधी की मौजूदगी में की थी।