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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

बेंगलुरु. कर्नाटक से भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक के खिलाफ दो समुदायों के बीच धार्मिक आधार पर द्वेष बढ़ाने का मामला दर्ज कर लिया गया है। विधायक पर आरोप है कि उन्होंने चुनावी सभा के दौरान कहा कि यह राम और अल्लाह के बीच का चुनाव है। कर्नाटक की करकला सीट से भाजपा विधायक सुनील कुमार ने बंटवल में होने वाले एक आगामी चुनाव के दौरान भाषण देते हुए कहा, यह चुनाव हिंदू भगवान और मुस्लिम खुदा के बीच का चुनाव है। यह श्रीराम और अल्लाह के बीच का चुनाव है। अब हिंदू यह तय करें कि क्या अल्लाह जीतते हैं या फिर श्रीराम के दोस्त जीतते हैं।

इस चुनाव में भाजपा की तरफ से राजेश नायक और कांग्रेस की तरफ से बी रामनाथ राय ही प्रमुख प्रत्याशी हैं। विधायक सुनील ने दावा करते हुए कहा, कांग्रेस प्रत्याशी रामनाथ ने यह कहा था कि वह 6 बार से अल्लाह के आशीर्वाद से ही बंटवल से जीत रहे हैं। अब यह मामला बीजेपी-कांग्रेस के बीच का नहीं है। अब आपको तय करना है कि आप अल्लाह को चुनते हैं या ऐसे व्यक्ति को जो राम को मानता हो।

वहीं कांग्रेस के विधायक ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, चर्चा इस विषय पर होनी चाहिए कि मैंने अपने क्षेत्र के लिए क्या काम किया है। बीजेपी हमेशा से ही कट्टरता को सपॉर्ट करती है, उन्हें (सुनील) को इस तरह से नहीं बोलना चाहिए था।

उनके बयान का क्या मतलब है। हम तो गांधीजी द्वारा कहे गए ईश्वर अल्लाह तेरो नाम' में विश्वास करते हैं। हमारा संविधान यह स्पष्ट करता है कि चुनाव बगैर धार्मिक हस्तक्षेप के संपन्न होना चाहिए।

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