बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा की महिला और बाल कल्याण समिति ने इंफॉर्मेशन टेक्नॉलजी और बायोटेक्नॉलजी कंपनियों को महिलाओं से नाइट शिफ्ट में काम ना लेने की सलाह दी है। इस समिति ने सिफारिश की थी कि महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम ना दिया जाए क्योंकि उनके पास घर की भी जिम्मेदारियां होती हैं। समिति के हेड कांग्रेस विधायक एनए हैरिस ने मीडिया को बताया कि उन्होंने केवल सुझाव दिया है कि अगर हो सके तो उनसे सुबह की शिफ्ट में काम लिया जाए। यह सिफारिश सोमवार को विधानसभा में रखी जाएंगी। हैरिस ने कहा, हमने नाइट शिफ्ट में बैन लगाने के लिए सिफारिश नहीं की है। हमने कहा है कि अगर महिला कर्मचारी मांग करे तो उन्हें सुबह की शिफ्ट दी जाए। हालांकि, ऐसा करने के लिए समिति पिछले साल राज्य सरकार की पहल के खिलाफ थी। जब उसने दुकानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों अधिनियम और कारखानों अधिनियम में संशोधन करके रात की शिफ्ट में महिलाओं को रोजगार देने पर प्रतिबंध हटा दिया था। राज्य के श्रम मंत्री संतोष लाड का कहना है कि श्रम विभाग ने महिलाओं को नाइट शिफ्ट लगाए जाने को लेकर कड़े नियम बनाए हैं।
सरकार इससे आगे नहीं जा सकती क्योंकि बेंगलुरु एक महानगरीय शहर है और अब उपलब्ध नौकरियों की प्रकृति ऐसे समय की शिफ्ट अपरिहार्य है।