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नई दिल्ली: गुजरात के मोरबी में केबल तारों से बने 150 साल पुराने ब्रिज के ढहने से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए मामले की पहली सुनवाई आगामी 14 नवंबर को तय की है। वहीं, हादसे की बात की जाए तो इस त्रासदी में मरने वालों की संख्या 135 पहुंच गई है। आज मोरबी अस्पताल में एक और मरीज ने दम तोड़ा। वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी आज अस्पताल का दौरा कर घायलों से मिल सकते हैं।

मीडिया रिर्पोटस के मुताबिक, एक वकील द्वारा सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है। जिसमें अधिवक्ता ने राज्य सरकारों को पर्यावरणीय व्यवहार्यता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुराने और जोखिम भरे स्मारकों और पुलों के सर्वेक्षण और जोखिम मूल्यांकन के लिए समिति बनाने के निर्देश देने की भी मांग की है। याचिका में राज्यों में स्थायी आपदा जांच दल को इस तरह की त्रासदियों में तुरंत शामिल होने के निर्देश देने की भी मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए सुनवाई की तारीख आगामी 14 नवंबर तय की है।

मोरबी (गुजरात): गुजरात के मोरबी में सिविल अस्पताल का रातोंरात कायापलट करने की कोशिश की गई, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को उन पीड़ितों से मुलाकात करेंगे, जो 134 जान लील जाने वाले पुल गिरने के भयावह हादसे से बचे हैं। अस्पताल की इस तरह रंगाई-पुताई किए जाने की विपक्षी दलों ने कड़ी आलोचना की है।

मच्छू नदी पर बने केबल सस्पेंशन पुल के गिर जाने के जानलेवा हादसे के बाद प्रधानमंत्री मंगलवार सुबह मोरबी में होंगे। हादसे में जान गंवाने वाले 134 लोगों में से 47 बच्चे थे। 100 से ज़्यादा ज़ख्मी लोगों को इलाज चल रहा है और इनमें से कई सिविल अस्पताल में भर्ती हैं।

मीडिया रिर्पोटस के मुताबिक, सोमवार रात अस्पताल में आधी रात के बाद 'रंग-रूप' बदलने का काम चल रहा था, जबकि कुछ ही घंटे बाद पीएम वहां पहुंचने वाले हैं। कुछ दीवारों और छत के कुछ हिस्सों को दोबारा पेन्ट किया गया और नए वॉटर कूलर लगाए गए। दो वॉर्डों में बिस्तरों की चादरें भी बदली गईं, जहां पुल हादसे के लगभग 13 ज़ख्मी लोग भर्ती हैं।

गांधीनगर: मोरबी केबल ब्रिज हादसे से पूरे देश में शोक की लहर है। पुल टूटने से कुल 132 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। वहीं इस हादसे के चलते सैकड़ों लोग घायल हो चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के दौरे पर हैं। पीएम मोदी ने आज गुजरात के गांधीनगर में इस हादसे की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में पीएम मोदी को मोरबी में हुई दुर्घटना के बाद से जारी बचाव और राहत कार्यों के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही इस बैठक में केबल ब्रिज हादसे से जुड़े सभी पहलुओं पर चर्चा की गई। बैठक में पीएम मोदी ने यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता मिले।

इस उच्च स्तरीय बैठक में सीएम भूपेंद्र पटेल, गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी, गुजरात के मुख्य सचिव और डीजीपी सहित राज्य के गृह विभाग और गुजरात राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के शीर्ष अधिकारी मौजूद थे। बता दें कि केबल ब्रिज ढहने के बाद 132 लोगों की मौत हो गई। वहीं 100 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के केवड़िया पहुंचे थे। सोमवार को उन्होंने 'लौह पुरुष' को पुष्पांजलि दी।

अहमदाबाद: गुजरात के मोरबी में पुल गिरने से 130 लोगों की मौत के एक दिन बाद, पुल की मरम्मत करने वाली कंपनी ओरेवा के 2 अधिकारियों सहित 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी की पुष्टि राजकोट रेंज के आईजी अशोक यादव ने की है। उनका कहना है कि सभी आरोपियों की कोविड जांच के बाद गिरफ्तार किया गया है। सूत्रों का कहना है कि वे ओरेवा के मध्य स्तर के कर्मचारी हैं। जानकारी यह भी है कि कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी पुल त्रासदी के बाद से लापता हैं।

कंपनी ओरेवा को कई खामियों के लिए दोषी ठहराया जा रहा है, जिसमें फिटनेस प्रमाणपत्र लेने में कथित विफलता और समय से पहले पुल को फिर से खोलना शामिल है। बता दें कि गुजरात के मोरबी में रविवार शाम ब्रिटिश कालीन सस्पेंशन ब्रिज पर लगभग 500 लोग पहुंचे हुए थे। अचानक ब्रिज टूटता है और लोग नदी में गिरने लगते हैं। हादसे में कम से कम 130 लोगों की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार यह ब्रिज लोगों के भारी दबाब के कारण टूटा है। इस बात की जानकारी फॉरेंस‍िक सूत्रों ने दी है।

जानकारी के अनुसार मच्छु नदी पर बने इस पुल पर 100-150 लोगों के आने की क्षमता थी।

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