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मोरबी: गुजरात पुल हादसे के आरोपियों में से एक ने कोर्ट को बताया 'भगवान की इच्छा' की वजह से यह घटना हुई है। यह टिप्पणी 150 साल पुराने पुल के रखरखाव के लिए जिम्मेदार ओरेवा कंपनी के मैनेजर दीपक पारेख ने की है। वह रविवार को पुल दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद गिरफ्तार किए गए नौ लोगों में से एक हैं। इस हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई। उन्होंने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एमजे खान से कहा, "यह भगवान की इच्छा थी कि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई।"

मोरबी के डीएसपी ने कोर्ट को बताया कि पुल की केबल को "जंग लग गई" थी और मरम्मत करने वाली कंपनी ने इसे नहीं बदला था। प्रशासन की मंजूरी या क्वालिटी चेक के बिना 26 अक्टूबर को पुल को जनता के लिए फिर से खोल दिया गया था। पुलिस अधिकारी ने बताया, "मरम्मत के दौरान पुल का केवल फर्श बदला गया था। पुल के केबल पर ना कोई तेल लगाया गया, ना ही किसी तरह के ग्रीसिंग का काम किया गया। जहां से केबल टूटी है, वहां जंग लगी हुई थी। अगर केबल की मरम्मत की जाती तो यह हादसा नहीं होता।"

मोरबी: गुजरात के मोरबी में पुल के गिरने (जिसमें 135 लोगों की मौत हो गई थी) के तीन बाद भी खराब मरम्मत के लिए जिम्मेदार कंपनी के मालिक अभी भी लापता हैं। दी ओरेवा नाम की कंपनी को मार्च महीने में पुल के रखरखाव के लिए 15 साल का कॉन्ट्रेक्ट दिया गया था। मरम्मत करके सात महीने बाद तय समय से पहले ही इस पुल को जनता के लिए खोल दिया गया। मोरबी नगर निकाय ने कथित तौर पर बिना बोली के इस कंपनी को यह कॉन्ट्रेक्ट दिया था।

पुलिस प्राथमिकी पर हादसे में बचे लोगों और विपक्ष सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि इसमें कंपनी के शीर्ष अधिकारी और नगर निकाय के अधिकारियों का नाम नहीं है, जिन्होंने कई खामियों के बावजूद इस कॉन्ट्रेक्ट को साइन किया था।

स्थानीय लोगों ने मीडिया को बताया कि ओरेवा के एमडी जयसुखभाई पटेल इस हादसे के बाद से लापता हैं। उन्होंने दावा किया था कि मरम्मत के बाद यह पुल कम से कम आठ से दस साल चलेगा। अहमदाबाद में कंपनी का फार्महाउस बंद है और वहां एक सुरक्षा गार्ड तक भी नहीं है।

नई दिल्ली: मोरबी पुल हादसे में 134 लोगों की मौत को लेकर गुजरात की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल ने आज कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए और राज्य में विधानसभा चुनाव होने चाहिए। जिन लोगों की मौत हुई उनकी आत्मा के लिए प्रार्थना करता हूं। घायलों के स्वास्थ्य होने की कामना करता हूं। ये भ्रष्टाचार का मामला है। घड़ी बनाने वाली कंपनी को पुल बनाने का ठेका क्यों दिया? दूसरा सवाल, पुल रखरखाव का कोई अनुभव नहीं था। मतलब इनकी पार्टी से रिश्ते हैं।

केजरीवाल ने आगे कहा, एफआईआर में ना कंपनी और उनके मालिक का नाम है। अस्पताल की पुताई तो अलग है, लेकिन मामले की पुताई की जा रही है। एक आरोप ये लग रहा है कि इनकी पार्टी को भारी चंदा दिया है। इसका पता लगाना पड़ेगा। सीएम को सीएम बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। इस्तीफा देकर तुरंत चुनाव हो जाना चाहिए। वहीं, दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने इस हादसे पर कहा कि इससे पूरा देश हिला हुआ है। कितने मासूम बच्चे मारे गए। जो तथ्य सामने आए हैं, कह सकते हैं ये हादसा नहीं हत्या है।

गांधीनगर: पीएम नरेंद्र मोदी ने मोरबी में पुल हादसे वाली जगह का दौरा किया है। पीएम मोदी के मोरबी पहुंचने की कुछ तस्वीरें सामनेे आई हैं। इन तस्वीरों में पीएम मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के साथ घटनास्थल का जायजा लेते नजर आ रहे हैं। मोरबी ब्रिज के पास घटनास्थल का जायजा लेने के बाद पीएम मोदी मोरबी सिविल अस्पताल पहुंचे। यहां पीएम मोदी इस हादसे के पीड़ितों के आंसू पोंछने के लिए आए हैं। सिविल अस्पताल में पीएम नरेंद्र मोदी ने हादसे में घायल लोगों से मिलकर उनका हालचाल जाना।मोरबी आने के बाद पीएम मोदी ने झुलते पुल के पास हुए हादसे की जगह का मुआयना किया।

पीएम नरेंद्र मोदी ने राहत और बचाव कार्य में सहायता करने वाली विभिन्न टीमों और अन्य लोगों से मुलाकात की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अस्पताल पहुंच कर घायलों का हालचाल लिया। पीएम मोदी ने सभी रेस्क्यू टीम के सदस्यों से पूछताछ की है। पीएम मोदी ने इस हादसे में मारे गये लोगों के प्रति संवेदना प्रकट की है। बताया जा रहा है कि पीएम मोदी ने अस्पताल में घायलों से हालचाल लिया और पूछा कि किस तरह से इलाज चल रहा है।

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