श्रीनगर: महबूबा मुफ्ती जम्मू-कश्मीर की पहली महिला मुख्यमंत्री बन गई हैं। उन्होंने आज (सोमवार) पद व गोपनीयता की शपथ ली। भाजपा नेता निर्मल सिंह ने भी उप मुख्यमंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली। वहीं पिछली सरकार में शामिल अल्ताफ बुखारी की कैबिनेट से छुट्टी हो गई है। महबूबा (56) ने साफ कर दिया है कि सरकार का ध्यान शांति, सुलह और राज्य के विकास पर होगा। शनिवार को महबूबा ने इस बात से इनकार किया था कि पीडीपी और भाजपा के बीच विभागों के बंटवारे को लेकर मतभेद है। उन्होंने कहा था, ‘‘विभागों को लेकर हमारे बीच क्या मतभेद होगा? यह गठबंधन सरकार है और हम अलग अलग निकाय नहीं हैं। वहीं कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर की भावी मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के शपथ ग्रहण समारोह से दूर रहने का फैसला किया था। कांग्रेस ने कहा कि पीडीपी-भाजपा का गठबंधन ‘अपवित्र’ है। कांग्रेस के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता रवींद्र शर्मा ने कहा, हमने भावी मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के शपथ ग्रहण समारोह से दूर रहने का फैसला किया है क्योंकि यह गठबंधन शुरू से अपवित्र है और उन्होंने एक बार फिर यह अपवित्र गठबंधन बनाया है। राज्यपाल एन एन वोहरा ने कल पीडीपी अध्यक्ष को राज्य में पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने और सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था।
आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, ‘महबूबा मुफ्ती को सरकार बनाने के लिए राज्यपाल द्वारा इस बारे में उनकी पीडीपी और भाजपा से राज्य में सरकार के गठन के बारे में हुई चर्चा और उनके तथा राज्य भाजपा अध्यक्ष सत शर्मा से प्राप्त संदेश के बाद निमंत्रण दिया गया है।’ ऐसा कहा जा रहा है कि विचारधारा के स्तर पर एक दूसरे से विपरीत रूख रखने वाले ये दोनों दल अगर विवादों को दूर रखते हैं तो राज्य में पीडीपी-भाजपा सरकार सामान्य रूप से कामकाज कर सकती है। मुफ्ती मोहम्मद सईद का सात जनवरी को निधन हो गया था। पीडीपी-भाजपा गठबंधन में सज्जाद लोन के नेतृत्व वाली पीपुल्स कांफ्रेंस भी एक घटक है और 87 सदस्यीय विधानसभा में इस गठबंधन के विधायकों की संख्या 56 है। विधानसभा में पीडीपी के 27 विधायक हैं जबकि भाजपा के 25 और पीपुल्स कांफ्रेंस के दो विधायक है और दो निर्दलीय इस गठबंधन का समर्थन कर रहे हैं।