रांची: झारखंड में सियासी संकट लगातार बरकरार है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अपने विधायकों की टूट का डर इस कदर सताया है कि वे उनका साथ नहीं छोड़ रहे हैं। अब सभी विधायकों को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर शिफ्ट कर दिया गया है। इसके लिए चार्टर्ड फ्लाइट बुक की गई थी। इस बीच सीएम सोरेन ने विधायकों की एकता को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि कोई अनहोनी नहीं होगी। हर परिस्थिति का सामना करने के लिए सत्ता पक्ष तैयार है। रणनीति के तहत कार्य किए जा रहे हैं। उसी रणनीति की छोटी सी झलक पहले और आज सभी ने देखा, आगे भी कई चीजें देखने को मिलेंगी। राज्य में षड्यंत्रकारियों को जवाब सत्ता पक्ष तरीके से देगी।
उन्होंने कहा, "हम हर चीज के लिए तैयार हैं, स्थिति हमारे नियंत्रण में है। इससे पहले सोरेन अपने सभी विधायकों को रांची से लगभग 30 किमी दूर खूंटी पहुंचे थे और लतरातू बांध के पास एक झील में नाव की सवारी के लिए जाते देखे गए थे। आज सीएम आवास में एक बार फिर से महागठबंधन के सभी विधायकों को बुलाया गया। बैठक में जगन्नाथ महतो, अनूप सिंह, शिल्पी नेहा तिर्की समेत 40 से अधिक विधायकों ने हिस्सा लिया।
इसके बाद रांची एयरपोर्ट से विधायकों के लिए इंडिगो की स्पेशल फ्लाइट मंगाई गई और विधायकों को छत्तीसगढ़ के रायपुर पहुंचाया गया।
इससे पहले झामुमो के वरिष्ठ विधायक और मंत्री चंपई सोरेन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुख्यमंत्री की विधानसभा की सदस्यता रद्द करने बात कही जा रही है, ये सिर्फ अटकलें लगाई जा रही हैं लेकिन उनकी सदस्यता अब तक रद्द नहीं की गई है। साथ ही, उन्होंने कहा कि झारखंड में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार काम कर रही है। चंपई ने कहा, ‘‘चर्चा है कि निर्वाचन आयोग से पत्र आ गया है। लेकिन राज्यपाल ने अब तक कोई बात सामने नहीं रखी है। यह लोकतंत्र में जनता का अपमान है। ऐसा माहौल बनाया जा रहा है जैसे कुछ बड़ा होने वाला है।’’
चंपई ने कहा कि अब दिल्ली में विधायकों की खरीद-बिक्री की भी बात सामने आ रही है। उन्होंने कहा कि इससे पहले ऐसा ही महाराष्ट्र में देखने को मिला। उन्होंने पूछा, ‘‘आखिर मंशा क्या है बताया जाए। अगर राज्यपाल के पास कोई पत्र आया है तो उसे सामने लाया जाए। पूरे देश की इस पर नजर है। सभी को एक साथ देखकर भाजपा को सहन नहीं हो रहा है। राज्य को अराजकता की स्थिति में धकेला जा रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राज्यपाल के कंधो पर बड़ी जिम्मेदारी है जिसे उन्हें पूरा करना चाहिए। आज राज्य की जनता सुबह से शाम तक बस प्रतीक्षा कर रही है। हेमंत सोरेन की लोकप्रियता भाजपा को पच नहीं रही।’’
कांग्रेस नेता बन्ना गुप्ता ने बोला हमला
कांग्रेस नेता और मंत्री बन्ना गुप्ता ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा की सोची समझी साजिश के तहत ऐसा काम किया जा रहा है। आज की स्थिति लोकतंत्र का काला अध्याय है।’’ गुप्ता ने आरोप लगाया, ‘‘केंद्र सरकार साजिश के तहत ऐसा काम कर रही ताकि भ्रम फैले। संवैधानिक संस्थाओं के निर्णय पर सवाल खड़ा हो रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर निर्वाचन आयोग ने कोई निर्णय भेजा है, तो बताना चाहिए। कहीं छापेमारी होती है तो बताया नहीं जाता है क्या हुआ। हमलोग डरने वाले नहीं हैं। हर अन्याय का बदला लिया जाएगा।’’
राज्यपाल पर खरीद-फरोख्त को बढ़ावा देने का आरोप
बाद में एक संयुक्त बयान में यूपीए विधायकों ने कहा, क्या राजभवन समय बढ़ाकर (निर्णय को सार्वजनिक करने में) खरीद-फरोख्त को बढ़ावा देना चाहता है? ... कानूनी सलाह क्या है जो वह लेने में सक्षम नहीं हैं? यह लोकतंत्र और लोगों का अपमान है।"
सूत्रों ने मंगलवार को जानकारी दी कि झारखंड में सत्तारूढ़ यूपीए गठबंधन अपने विधायकों को पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में स्थानांतरित कर रहा है ताकि राज्य में चल रहे सियासी संकट के दौरान भाजपा को कथित तौर पर विधायकों को खरीदने की कोशिश से रोका जा सके।
सूत्रों ने बताया कि विधायक दो बसों में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास से रांची हवाई अड्डे की ओर निकलते हुए दिखाई दे रहे हैं, जहां उनके लिए रायपुर के लिए एक फ्लाइट बुक की गई है। एक बस में सोरेन खुद नजर आ रहे हैं।
रायपुर में एक रिजॉर्ट में स्थानांतरित किए जा सकते हैं विधायक
एक कांग्रेस विधायक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि उन्हें गैर-भाजपा सरकार वाले राज्य छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक रिसॉर्ट में स्थानांतरित किया जा सकता है। हवाई अड्डे के सूत्रों ने यह भी कहा कि विधायकों के लिए रायपुर के लिए एक फ्लाइट बुक की गई है।
सोरेन की झामुमो का मानना है कि भाजपा महाराष्ट्र की तरह सरकार गिराने के लिए अपने और कांग्रेस के विधायकों को हथियाने का गंभीर प्रयास कर सकती है और विधायकों को सुरक्षित पनाहगाह में रखने की जरूरत है।
लाभ के पद के मामले में सोरेन को विधानसभा से अयोग्य ठहराने की भाजपा की याचिका के बाद चुनाव आयोग ने 25 अगस्त को राज्य के राज्यपाल रमेश बैस को अपना फैसला भेजा है।
हालांकि चुनाव आयोग के फैसले को अभी आधिकारिक नहीं बनाया गया है, लेकिन चर्चा थी कि चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री को विधायक के रूप में अयोग्य घोषित करने की शिफारिश की है। तब से राजभवन ने इस मामेल पर कुछ भी घोषणा नहीं की है।