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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): दिल्ली विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। यह बैठक केजरीवाल के आवास पर हुई। बैठक शाम चार बजे शुरू हुई थी। इसके लिए आप के तमाम नेता पहुंचे थे।

आप नेता आतिशी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने आप के नवनिर्वाचित विधायकों से मुलाकात की। उन्हें लोगों की सेवा करने और उनकी समस्याओं को हल करने का निर्देश दिया। पार्टी नेता आतिशी ने कहा कि आम आदमी पार्टी रचनात्मक विपक्ष के रूप में काम करेगी। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि भाजपा महिलाओं को 2,500 रुपये दे, मुफ्त बिजली दे और दिल्ली के लोगों के लिए अन्य सुविधाएं जारी रखे।

ऐसा चुनाव दिल्ली के इतिहास में कभी नहीं हुआ: आतिशी

आतिशी ने कहा, "अभी विश्लेषण चल रहा है कि आम आदमी पार्टी की क्यों हारी, लेकिन यह दिल्ली की जनता का जनादेश है। हम जनादेश का सम्मान करते हैं।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की करारी हार के बाद आतिशी ने आज दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राज निवास पहुंचकर उपराज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा। दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद ‘आप’ नेता आतिशी राज निवास से रवाना हुईं। हालांकि, उन्होंने इस दौरान मीडिया से कोई बातचीत नहीं की।

विधानसभा को उपराज्यपाल ने किया भंग

आतिशी के इस्तीफा देने के बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली विधानसभा को भंग कर दिया है। उपराज्यपाल ने विधानसभा को भंग किए जाने की अधिसूचना जारी कर दी है।

आम आदमी पार्टी (आप) की नेता आतिशी ने बीजेपी के रमेश बिधूड़ी को 3,521 मतों के अंतर से हराया है। इस जीत के साथ ही वह अपनी कालकाजी सीट बरकरार रखने में कामयाब रही हैं। आतिशी ने अपनी जीत के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि मैं कालकाजी विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं का धन्यवाद करना चाहती हूं, जिन्होंने मुझ पर भरोसा दिखाया। मैं अपनी पूरी टीम का धन्यवाद करना चाहती हूं, जिन्होंने कड़ी मेहनत की।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): दिल्ली में विधानसभा चुनाव की सभी 70 सीटों के नतीजे आ चुके हैं। दिल्ली में जहां 12 वर्षों से आप मजबूती से सत्ता पर काबिज थी, वहीं इस बार नतीजे बदल गए। भाजपा को 48 सीटें मिली। आप को इस बार 22 सीटों से साथ हार का सामना करना पड़ा। अब ये साफ हो चुका है कि भाजपा दिल्ली में सरकार बनाने जा रही है। लेकिन मुख्यमंत्री का चेहरा अभी भी साफ नहीं है। लेकिन कुछ सीटें ऐसी है जिस पर प्रत्याशियों को काफी दिलचस्प जीत मिली हैं। कुछ सीटें ऐसी भी है जहां उम्मीदवारों की जीत का अंतर बहुत अधिक है। आइए जानते हैं] सबसे ज्यादा अंतर से हार-जीत वाली सीटों के बारे में…

मटिया महल रही सबसे ज्यादा अंतर वाली सीट

दिल्ली में 2024 के विधानसभा चुनाव में पांच सबसे बड़ी जीतों की बात करें तो इसमें तीन सीटें आप और दो सीटें भाजपा के खाते में गई हैं। सबसे बड़ी जीत की बात करें तो वो मटिया महल से आप के आले मोहम्मद इकबाल के खाते में गई है। आले मोहम्मद इकबाल ने भाजपा की दीप्ति इंदौरा को 42,724 वोट से हराया है। मटिया महल मुस्लिम बहुल सीट है, यहां से आप को चुनौती के बाद भी बड़ी जीत मिली है।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में कुछ सीटों पर बेहद करीबी मुकाबला देखा गया। संगम विहार और त्रिलोकपुरी में तो जीत के अंतर से ज्यादा नोटा पर वोट पड़े। वहीं, जंगपुरा की हाई-प्रोफाइल सीट पर भी पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया महज 675 वोट के अंतर से हार गए।

संगम विहार में बीजेपी के चंदन चौधरी ने दर्ज की सबसे करीबी जीत

इस चुनाव में सबसे करीबी जीत बीजेपी के चंदन कुमार चौधरी ने दर्ज की। उन्होंने संगम विहार सीट से 'आप' के दिनेश मोहनिया को 344 वोट से हराया है। बीजेपी उम्मीदवार को 54,049 वोट और मोहनिया को 53,705 वोट मिले। खास बात यह रही कि यहां जीत के अंतर से ज्यादा 537 वोट नोटा पर पड़े। कांग्रेस उम्मीदवार हर्ष चौधरी 15,863 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे।

त्रिलोकपुरी सीट पर भी मुकाबला काफी करीबी रहा। वहां बीजेपी के रविकांत ने 'आप' की अंजना परचा को 392 वोटों से हरा दिया। रविकांत को 58,217 वोट मिले, जबकि परचा को 57,825 लोगों ने वोट दिया। यहां भी नोटा को 683 वोट पड़े जो हार-जीत के अंतर से ज्यादा है। कांग्रेस के अमरदीप 6,147 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे।

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