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नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद और अनिर्बान को शरण देने के आरोप में जेएनयू के दो शिक्षकों और तीन छात्रों को नोटिस भेजा है। इसके साथ ही लगातार दूसरे दिन भी पुलिस उमर, अनिर्बान से पूछताछ करती रही। हालांकि अधिकतर सवाल उमर से ही पूछे गए। दिल्ली पुलिस ने आरकेपुरम थाने में शुक्रवार को कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान से पूछताछ तड़के शुरू हुई। करीब पांच घंटे तक चलने के बाद सुबह साढे़ दस बजे पूछताछ दोबारा शुरू की गई। पहले चरण में कन्हैया को उमर खालिद और अनिर्बान से अलग अलग बैठाकर सवाल जवाब किए गए। दूसरे चरण में तीनों से एक साथ पूछताछ की गई। पूछताछ कम से कम दो टीमें कर रही हैं। जानकारी के अनुसार उमर की सहायता करने के संदेह में दो शिक्षकों और तीन छात्रों को नोटिस भेजकर पुलिस ने उनसे पूछताछ में शामिल होने के लिए कहा है। इसके अलावा जल्द ही कुछ और लोगों को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा जा सकता है। सूत्रों के अनुसार पुलिस ने उमर से हेम मिश्रा, अली जावेद और डीयू के पूर्व प्रोफेसर एसएआर गिलानी से संबंधों के विषय में पूछा।

जवाब में उमर ने तीनों से सामान्य परिचय होने की बात स्वीकार की। सूत्रों के अनुसार कन्हैया अब तक इस बात पर कायम है कि वह नौ फरवरी को अपने कमरे से तब बाहर आया था जब उसे परिसर के अंदर कार्यक्रम में दो समूहों के बीच टकराव की जानकारी मिली थी। उसने कार्यक्रम से खुद को अलग कर लिया। पुलिस उमर से बीते साल हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न इलाकों और खासतौर पर एएमयू में की गई यात्राओं के संबंध में पूछताछ की। हालांकि उमर ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। वह अभी तक देश विरोधी नारेबाजी में अपना हाथ होने से इंकार किया। सूत्रों के अनुसार तीनों ने विभिन्न विडियो देखकर कार्यक्रम में मौजूद 12 बाहरी छात्रों की पहचान की है। अब पुलिस इन छात्रों की तलाश कर रही है। इनकी छात्रों के आवाज के नमूने और विडियो की फारेंसिक जांच से सच्चाई का पता लग पाएगा। लेकिन पुलिस के सामने दिक्कत यह है कि नारे लगाने वालों ने अपने चेहरे नीचे झुकाए हुए हैं। जेएनयू परिसर के एक सुरक्षा गार्ड और पुलिसकर्मी को स्टिंग वीडियो में यह कहते हुए दिखाया गया है कि कन्हैया कुमार ने कोई नारे नहीं लगाए। दोनों प्रत्यक्षदर्शी बताए जाते हैं जिन्होंने देशद्रोह मामले में अपने बयान दर्ज कराए है। एक टीवी चैनल द्वारा किए गए हालिया स्टिंग में सुरक्षा गार्ड ने खुद की पहचान अमरजीत कुमार के तौर पर बताई। उसने दावा किया कि वह जेएनयू परिसर में नौ फरवरी को हुई घटना के दौरान मौजूद था। कन्हैया के बारे में पूछने पर उसने कहा कि छात्र नेता ने साबरमती ढाबा से शुरू हुआ मार्च समाप्त होने के बाद गंगा ढाबा पर भाषण दिया। उसने यह भी दावा किया कि उसने कन्हैया को कोई नारा लगाते नहीं सुना। स्टिंग वीडियो में गार्ड को यह भी कहते हुए सुना गया कि करीब 10-15 बाहरी लोग कार्यक्रम में मौजूद थे जो जेएनयू अधिकारियों के इंकार के बावजूद आयोजित किया गया। एक अन्य व्यक्ति जिसने खुद की पहचान दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रामबीर के तौर पर बताई है। उसे यह कहते हुए सुना गया कि वह सादे कपड़े में कार्यक्रम में मौजूद था। उसे भी यह कहते हुए सुना गया कि जेएनयूएसयू अध्यक्ष भीड़ में मौजूद थे लेकिन नारे नहीं लगाए। पूछताछ में उमर ने पुलिसकर्मियों से दो समाचार पत्र पढ़ने के लिए मांगे। हालांकि पुलिसकर्मियों ने उसे समाचार पत्र देने की जगह पूछताछ जारी रखी। हालांकि अनिर्बान इस दौरान शांत रहा।

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