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नई दिल्ली: जेएनयूएसयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार की एक दिन की पुलिस हिरासत अवधि खत्म होने के बाद दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को उन्हें वापस तिहाड़ जेल भेज दिया। पुलिस ने कन्हैया को विश्वविद्यालय के दो अन्य छात्रों उमर खालिद और अनिर्बन भट्टाचार्य के साथ पूछताछ के लिए हिरासत की मांग की थी। कन्हैया के वकील ने बताया कि पुलिस ने अदालत से कहा कि कन्हैया को आगे हिरासत में लेने की जरूरत नहीं है जिसके बाद उन्हें वापस न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। उनकी न्यायिक हिरासत दो मार्च को खत्म हो रही है। अभियोजन की याचिका पर अदालत ने गुरुवार को कन्हैया को एक दिन की पुलिस हिरासत में भेजा था। याचिका में कहा गया था कि जेएनयू के विवादास्पद कार्यक्रम के संबंध में खालिद और अनिर्बन के बयानों में विसंगति के मद्देनजर उनका आमना-सामना कराने की जरूरत है। पुलिस के एक सूत्र ने बताया कि सभी तीनों से एक साथ पहली बार दक्षिण दिल्ली के एक थाने में पूछताछ की गयी। उनसे दो राउंड में पूछताछ हुयी। पहले राउंड में कन्हैया का दोनों से अलग-अलग और फिर दूसरे राउंड में एक साथ सामना कराया गया। सूत्रों ने बताया कि शाम में चार बजकर 20 मिनट के आसपास कन्हैया को आरके पुरम थाना परिसर से तिहाड़ ले जाया गया। पुलिस खालिद और अनिर्बान की आगे हिरासत मांग सकती है जिनकी पुलिस हिरासत शनिवार को खत्म हो रही है।

पुलिस सूत्रों ने दावा किया कि कन्हैया ने अब तक कहा है कि नौ फरवरी को विवादास्पद कार्यक्रम के समय वह अपने कमरे से तब निकले जब उन्हें दो समूहों के बीच संभावित नोक-झोंक का पता चला और उन्होंने कार्यक्रम से अपने को अलग किया। खालिद ने देश विरोधी नारेबाजी में किसी भी तरह लिप्त होने से इंकार किया जबकि अर्निबन ने भी पुलिस के दावों को चुनौती दी है।

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