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नई दिल्ली: प्रेस क्लब में देश विरोधी नारे लगाने के सिलसिले में गिरफ्तार किये गये दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर एसएआर गिलानी की जमानत याचिका पटियाला हाउस कोर्ट ने खारिज कर दी। गिलानी को राष्ट्रद्रोह के आरोप में गिरफ्तार गिलानी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। गिलानी पर 10 फरवरी को प्रेस क्लब में आयोजित कार्यक्रम में संसद हमले के दोषी अफजल गुरु के समर्थन में देश विरोधी नारे लगाने का आरोप है। मामले में पुलिस गिलानी को 15 फरवरी की रात को पूछताछ के लिए थाने ले गई थी और अगले दिन अदालत में पेश किया। गिलानी को जमानत से इनकार पर पुलिस ने आरोप लगाया कि प्रेस क्लब के कार्यक्रम में सरकार के खिलाफ नफरत फैलाई जा रही थी। पुलिस ने कहा जमानत मिली तो प्रभावित होगी जांच मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरविंदर सिंह ने दोनों पक्षों की बहस सुनकर गिलानी की याचिका खारिज कर दी। बहस के दौरान पुलिस ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि वह मामले में चल रही जांच को प्रभावित कर सकते हैं और सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं।

गिलानी के वकील सतीश टम्टा ने कोर्ट में कहा कि पुलिस समाचार चैनलों के दिये वीडियो पर यकीन कर रही है। टम्टा ने कहा कि उनके मुवक्किल (गिलानी) देश विरोधी नारे लगाने में गिलानी की कोई भूमिका नहीं है।

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