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नई दिल्ली: देशद्रोह के मामले में जेएनयू छात्र संघ के नेता की गिरफ्तारी को लेकर चल रहे गतिरोध के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर विश्वविद्यालय को 'आतंकवादियों का गढ़' करार दिए जाने को गलत बताया। साथ ही उन्होंने मांग की कि मामले में 'निर्दोष' लोगों को तुरंत रिहा किया जाए। इस मुद्दे पर केजरीवाल ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की और प्रधानमंत्री से कहा कि वह पुलिस को निर्देश दें कि पटियाला अदालत परिसर के अंदर और बाहर छात्रों और पत्रकारों पर हमला करने वाले बीजेपी विधायक ओपी शर्मा और इसमें संलिप्त अन्य के खिलाफ कार्रवाई की जाए। अपने पत्र में केजरीवाल ने कहा, 'सनक एवं मनमर्जी के आधार पर संवैधानिक संस्थानों का प्रयोग कर राष्ट्रवाद को भय में बदलना सही नहीं है।'

उन्होंने कहा, यह काफी खतरनाक है कि जेएनयू की घटना को ऐसे पेश किया जा रहा है, जैसे यह संस्थान एक आतंकवादी केंद्र है। केजरीवाल ने प्रधानमंत्री से इस घटना पर चुप्पी तोड़ने की भी अपील की। उन्होंने कहा, 'मैं हाथ जोड़कर आपसे आग्रह करता हूं कि इस आग को और फैलने से रोकें। लोग व्यग्रता से प्रतीक्षा कर रहे हैं कि आप अपनी चुप्पी तोड़ें और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हस्तक्षेप करें।' उन्होंने कहा कि जेएनयू घटना में गिरफ्तार 'निर्दोष' लोगों को तुरंत रिहा किया जाना चाहिए और वास्तविक दोषियों की पहचान की जानी चाहिए और कानून के मुताबिक उनसे कड़ाई से निपटा जाना चाहिए।

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