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चंडीगढ़ (जनादेश ब्यूरो): पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह बुधवार (18 फरवरी) की शाम राजधानी चंडीगढ़ में किसानों के विरोध-प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे और किसानों से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने केंद्र सरकार को चेताया कि वो किसानों के आंदोलन को हल्के में न ले। किसानों के धरना स्थल का दौरा करने के बाद अमरिंदर सिंह ने ट्वीट कर उसका वीडियो साझा किया है और केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानून वापस लेने की अपील की है।

अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, "सभी आयु वर्ग के लोग इन किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ पूरे भारत में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। आज शाम मैं पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ के मटका चौक पर कुछ नागरिकों के साथ इसमें शामिल हुआ। मैं फिर से केंद्र सरकार से इस विरोध को हल्के में नहीं लेने और इन कानूनों को रद्द करने की अपील करता हूं।" पंजाब में किसान कई महीनों से तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। पिछले साल नवंबर में, राज्य के हजारों किसानों ने दिल्ली तक मार्च किया था। पंजाब के अलावा अन्य राज्यों के किसान- खासकर उत्तर प्रदेश और हरियाणा के किसान- भी इस आंदोलन से जुड़े हुए हैं।

चंडीगढ़: पंजाब के सात नगर निगमों में से छह में प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने जीत हासिल की है वहीं सातवें नगर निगम में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। पार्टी ने शहरी निकाय के चुनावों में विपक्षी दलों का सूपड़ा साफ कर दिया है। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन के बीच नगर निगमों के प्रदेश में हुए चुनाव में कांग्रेस ने बठिंडा, होशियारपुर, कपूरथला, अबोहर, बटाला और पठानकोट में जबरदस्त जीत दर्ज की है। हालांकि, मोगा में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है और बहुमत से वह 6 सीट पीछे रह गई है।

एक अन्य नगर निगम के लिए मतों की गिनती का काम गुरुवार को होगा। इसके अलावा 109 नगर परिषद के चुनाव परिणाम भी आने की संभावना है। यह चुनाव परिणाम केंद्र की भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के खिलाफ कांग्रेस के लिए मनोबल बढ़ाने वाला है क्योंकि केंद्र सरकार के खिलाफ किसान प्रदर्शन कर रहे हैं और कांग्रेस उन्हें समर्थन दे रही है। आंदोलन करने वाले अधिकतर किसान पंजाब और हरियाणा से हैं।

चंडीगढ़: पंजाब के निकाय चुनावों में कांग्रेस पार्टी ने अच्‍छा प्रदर्शन किया है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को ज्‍यादातर स्‍थानों पर नाकामी हाथ लग रही है। ऐसा लगता है कि किसान आंदोलन ने काफी हद तक भाजपा की संभावनाओं को प्रभावित किया है। कृषि कानूनों के खिलाफ छेड़े गए आंदोलन में पंजाब के किसानों ने बढ़-चढ़कर भागीदारी निभाई है। वैसे भी पंजाब में भाजपा कभी भी बहुत ज्‍यादा मजबूत नहीं रही है और अभी तक अकाली दल के सहयोगी के रूप में ही मैदान में उतरती आई है। कृषि कानूनों के चलते अकाली दल ने भी भाजपा के साथ रिश्‍ता तोड़ लिया है।

अभी तक के नतीजे के अनुसार, निकाय चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने सभी सात नगर निगमों में जीत हासिल की है, इसमें मोगा, होशियारपुर, कपूरथला, अबोहर, पठानकोट, बटाला और बठिंडा शामिल हैं। बठिंडा में तो कांग्रेस की जीत वाकई हैरान करने वाली है, पार्टी ने 53 साल बाद यहां नगर निगम चुनाव में जीत हासिल की है। निकाय चुनावों में इस प्रदर्शन पर कांग्रेस में खुशी का माहौल है।

चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इसे आम आदमी, मध्यम वर्ग और किसानों की अनदेखी करने वाला बजट करार दिया। हालांकि उन्होंने बजट में वित्तीय घाटे वाले राज्यों के लिए राजस्व अनुदान 75,000 करोड़ से बढ़ाकर 1,85,000 करोड़ रुपये करने को बजट का सकारात्मक पक्ष बताया और उम्मीद जाहिर की है कि केंद्र इस संबंध में पंजाब को उसका हिस्सा देने से पीछे नहीं हटेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में चीन और पाकिस्तान से बढ़ते खतरे के बावजूद रक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र को भी बनता हिस्सा नहीं मिला। इसके अलावा कोविड संकट के दौरान स्वास्थ्य क्षेत्र में भी बजट का आवंटन कम है। स्वास्थ्य क्षेत्र में 35 प्रतिशत हिस्सा बढ़ाने के दावे को खारिज करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दरअसल कोविड के टीकाकरण और स्वास्थ्य संबंधी मद के तहत सैनिटेशन और सफाई के लिए रखे 35000 करोड़ रुपये को प्रोजेक्ट में शामिल कर आंकड़ों को घुमाया गया है, जबकि वास्तव में स्वास्थ्य संबंधी बजट 10 प्रतिशत घटा है।

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