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चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इसे आम आदमी, मध्यम वर्ग और किसानों की अनदेखी करने वाला बजट करार दिया। हालांकि उन्होंने बजट में वित्तीय घाटे वाले राज्यों के लिए राजस्व अनुदान 75,000 करोड़ से बढ़ाकर 1,85,000 करोड़ रुपये करने को बजट का सकारात्मक पक्ष बताया और उम्मीद जाहिर की है कि केंद्र इस संबंध में पंजाब को उसका हिस्सा देने से पीछे नहीं हटेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में चीन और पाकिस्तान से बढ़ते खतरे के बावजूद रक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र को भी बनता हिस्सा नहीं मिला। इसके अलावा कोविड संकट के दौरान स्वास्थ्य क्षेत्र में भी बजट का आवंटन कम है। स्वास्थ्य क्षेत्र में 35 प्रतिशत हिस्सा बढ़ाने के दावे को खारिज करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दरअसल कोविड के टीकाकरण और स्वास्थ्य संबंधी मद के तहत सैनिटेशन और सफाई के लिए रखे 35000 करोड़ रुपये को प्रोजेक्ट में शामिल कर आंकड़ों को घुमाया गया है, जबकि वास्तव में स्वास्थ्य संबंधी बजट 10 प्रतिशत घटा है।

 

उन्होंने कहा कि बजट में कोई टैक्स राहत न देने के कारण मध्यम वर्ग को निराशा हाथ लगी है। कॉरपोरेट सेक्टर के लिए 25 प्रतिशत के उलट मध्यम वर्ग की तरफ से पेट्रोल और डीजल पर 100 प्रतिशत अप्रत्यक्ष टैक्स सहित 35 प्रतिशत से अधिक सेस अदा करना जारी रहेगा।

मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक संस्थानों और सरकारी संपत्तियों के वर्चुअल तौर पर समूचे विनिवेश के केंद्र सरकार के फैसले पर हैरानी जाहिर की। मुख्यमंत्री ने कहा कि समूचे बजट ने बड़े कॉरपोरेट घरानों को छोड़कर समाज के प्रत्येक वर्ग को निराश किया है, क्योंकि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने दूसरे वर्गों के हितों को दरकिनार कर कॉरपोरेट को खुश किया है। 

बजट में मुट्ठी भर कॉरपोरेट घरानों के हितों की रक्षा : कैप्टन

मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट देश की 130 करोड़ से अधिक आबादी की जरूरतों और इच्छाओं की कीमत पर मुट्ठी भर कॉरपोरेट घरानों के हितों की रक्षा करने के उद्देश्य से बनाया गया है, जो बेरोजगारी की बढ़ती समस्या को हल करने में असफल है।

कैप्टन ने कृषि क्षेत्र में केवल दो प्रतिशत वृद्धि पर दुख जाहिर करते हुए कहा कि क्या वित्त मंत्री ने एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की संवैधानिक गारंटी का जिक्र करना जरूरी नहीं समझा जोकि पिछले दो महीनों से अधिक समय से नई दिल्ली की सीमा पर ठंड और लाठियों से जूझ रहे किसानों की एक प्रमुख मांग है।

मुख्यमंत्री ने शिक्षा क्षेत्र में केंद्र द्वारा ध्यान न देने की भी निंदा करते हुए कहा कि इससे कोविड महामारी के दौरान प्रभावित हुए लाखों बच्चों को बड़ा धक्का लगा है। ऐसा लगता है कि सरकार को हमारी रक्षा के लिए सरहदों पर तैनात सैनिकों, फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कर्मियों और अध्यापकों की कोई परवाह नहीं है। 

संघीय ढांचे के विरोधी मानसिकता वाला बजट

मुख्यमंत्री ने बजट में पंजाब और दूसरे उत्तरी राज्यों के साथ सौतेला व्यवहार करने के लिए भी केंद्र की निंदा करते हुए कहा कि यह आम बजट विधानसभा चुनाव वाले राज्य पश्चिमी बंगाल और दक्षिणी भारत को ध्यान में रखकर तैयार हुआ है। इन क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बड़ा हिस्सा रखा गया है।

लघु और मध्यम अवधि के लिए केंद्र और राज्यों के बीच तय किए वित्तीय घाटों के लक्ष्यों में अंतर की तरफ इशारा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट केंद्र सरकार की हमारे सहित गैर-भाजपा शासित राज्यों को दरकिनार करने और संघीय ढांचे की विरोधी मानसिकता वाली कोशिशों को दर्शाता है।

 

 

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