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नागपुर: फ्लाइट्स और ट्रेनों को बम से उड़ाने की धमकी लगातार बढ़ती जा रही हैं। इस बीच महाराष्ट्र के नागपुर में पुलिस ने एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया है। 35 वर्षीय जगदीश उइके खुद को लेखक बताता है। वह आतंकवाद के बारे में लिखता है। उइके को इससे पहले 2021 में एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। नागपुर शहर पुलिस की स्पेशल ब्रांच के मुताबिक, जांच में उसके पास कई धमकी भरे ईमेल मिलने के बाद उसे गिरफ्तार किया गया। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।

संदिग्ध का दावा- पुलिस को अलर्ट करने के लिए दी थी बम की धमकी

आखिरी बार जब नागपुर पुलिस ने उससे संपर्क किया था, तब जगदीश ने दावा किया था कि उसका काम कानून की सहायता करना है। जगदीश पूर्वी विदर्भ के गोंदिया जिले में अर्जुनी मोरगांव का मूल निवासी है। उसकी मां और बहन अब भी वहीं रहते हैं। पिछले कुछ समय से जगदीश दिल्ली में था और पुलिस का दावा है कि वहीं से उसने कई विमान कंपनियों और रेलवे स्टेशनों को धमकी भरे मेल भेजे थे। उसकी इस हरकत से कई उड़ानें देर से उड़ी या रद्द करनी पड़ी।

जाहिर है इससे विमान यात्री और कंपनियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है। हालांकि, जगदीश का कहना है कि ये सब उसने पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क करने के उद्देश्य से किया। इसके पीछे और कोई अन्य मकसद नहीं था।

आतंकवाद पर लिख चुका किताब

जगदीश उइके ने 'आतंकवाद- एक तुफानी राक्षस' नाम से एक किताब भी लिखी है। इस किताब की बिक्री से मिले रकम का हिस्सा आतंकवाद विरोधी कामों में खर्च करने के लिए डोनेट किया जाएगा। उइके ने किताब के कवर पेज पर ऐसा दावा किया है।

जानकार बताते हैं कि किताब में 35 घटनाओं के जरिए आतंकवाद को परिभाषित किया गया है। साथ ही इस किताब में आतंकवाद और आतंकियों के काम करने के तरीके और उसके वैश्विक असर को विस्तार से समझाने की कोशिश की गई है। जानकारी के मुताबिक, जगदीश को साल 2021 में ऐसी ही धमकियों के चलते गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, बाद में उसे छोड़ दिया गया।

मानसिक रूप से परेशान बताया जाता है जगदीश

जगदीश उइके को जानने वाले बताते हैं कि वह मानसिक रूप से कुछ निराश सा है। कम उम्र में उसके पिता की मौत हो गई थी। परिवार में आर्थिक दिक्कतों के चलते वह 11वीं तक ही स्कूल कर पाया। लेकिन उसे देश की सुरक्षा के विषय में काफी दिलचस्पी है। हालांकि, उसकी ओर से ऐसी धमकी भरे ई मेल भेज कर सिस्टम को अलर्ट करने का दावा समझ से परे है।

पुलिस ने कैसे किया ट्रेस?

पुलिस ने टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर जगदीश उइके के ईमेल से जुड़ी जानकारी इकट्ठा की। डीजीपी श्वेता खेडकर की अगुवाई में नागपुर पुलिस टीम ने उसकी पहचान और ठिकाना खोज निकाला। एक केंद्रीय मंत्री को उसकी ओर से भेजे गए ईमेल का आईपी एड्रेस निकाला गया। आईपी एड्रेस जगदीश के अर्जुनी मोरगांव वाले पते पर रजिस्टर्ड था। इसके बाद पुलिस ने उसे अरेस्ट कर लिया।

14 दिनों में 300 फ्लाइट में मिली बम की धमकी

बीते 14 दिनों में इंडियन एयरलाइंस की कम से कम 300 से ज्यादा उड़ानों को बम की झूठी धमकियां मिलीं। ये धमकियां सोशल मीडिया के जरिए दी गईं। अकेले 22 अक्टूबर को इंडिगो और एअर इंडिया की 13-13 उड़ानों समेत 50 उड़ानों को फर्जी बम की धमकी मिली। बुधवार को भी 32 उड़ानों में बम की धमकियां मिलीं। शनिवार को दिल्ली से गोवा जाने वाली इंडिगो की उड़ान को भी बम की धमकी मिली। जिसके बाद इसकी इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी।

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