चंडीगढ़: रेत खड्डों के आवंटन में रसोइए का नाम आने पर मंत्री राणा गुरजीत सिंह के इस्तीफे के बाद विपक्ष के निशाने पर आई कांग्रेस सरकार को आज एक और तगड़ा झटका लगा है। झटका है ये कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुरेश कुमार की नियुक्ति रद्द कर दी है।
जस्टिस राजन गुप्ता की अदालत ने नियुक्ति रद्द करते हुए कहा कि ये नियुक्ति संविधान की धारा 166 (3) का उल्लंघन है। कोर्ट ने कहा कि सुरेश कुमार द्वारा सरकारी कार्यालय का प्रयोग करना कानून का सरासर उल्लंघन है। इस नियुक्ति के रद्द होने से प्रदेश सरकार पर फिर सवाल उठ गया है। सुरेश कुमार की नियुक्ति के खिलाफ मोहाली निवासी रमनदीप सिंह ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
रमनदीप सिंह ने अपनी याचिका में कहा कि सुरेश कुमार की नियुक्ति नियमों का सरासर उल्लंघन है। रमनदीप के वकील ने तर्क दिया था कि चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी एक कैडर पद है जबकि इस नियुक्ति में एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी द्वारा सरकारी कार्यालय पर कब्जा कर लिया गया है।
एक सेवानिवृत्त अधिकारी को कैबिनेट सचिव के पद पर नियुक्त करने का भी कोई नियम नहीं है। कॉमर्स पोस्ट ग्रेजुएट सुरेश कुमार 1983 बैच के आईएएस अफसर हैं। उन्होंने अपना करियर तलवंडी साबो के सब डिविजनल मैजिस्ट्रेट के रूप में शुरू किया था और वे अप्रैल 2016 में एडिशनल चीफ सेक्रेटरी के रूप में वे रिटायर हुए। पंजाब सरकार के लिए कुमार विभिन्न पदों पर सेवाएं दे चुके हैं।