लुधियाना: लुधियाना फैक्ट्री में आग लगने से गिरी 6 मंजिला इमारत के मलबे से अब तक 10 लोगों के शवों को निकाला जा चुका है। पुलिस का कहना है कि अभी इमारत के मलबे में 15 से ज्यादा लोगों दबे होने की आशंका है। ऐसे में मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। दबने वाले लोगों में करीब 6-7 फायरब्रिगेडकर्मी भी शामिल हैं।
फायरब्रिगेडकर्मी आग बुझा रहे थे, तभी इमारत गिर गई और वे उसमें दब गए। लुधियाना में एक भीषण अग्निकांड में 25 से ज्यादा लोग जिंदा दफन हो गए। हादसा उस वक्त हुआ जब आग बुझाने के बाद इस बिल्डिंग में अचानक एक धमाका हुआ और पूरी पांच मंजिला बिल्डिंग भरभराकर जमींदोज हो गई।
मलबे से 8 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं जिनमें 3 दमकल कर्मी भी शामिल हैं। यह हादसा लुधियाना के सूफिया चौक स्थित एक प्लास्टिक की फैक्ट्री में हुआ जब लोग आग पर काबू पाने के बाद बचा हुआ सामान समेट रहे थे।
लुधियाना के जिलाधीश प्रदीप अग्रवाल के मुताबिक, इस भवन के मलबे में फंसे लोगों में 8-9 फायर ब्रिगेड के कर्मचारी भी शामिल हैं। दरअसल सोमवार सुबह करीब 8:00 बजे पॉलिथिन बनाने वाली एक फैक्ट्री में अचानक आग लग गई।
आग की खबर मिलते ही फैक्ट्री मालिकों ने फायर ब्रिगेड को फोन किया। करीब 15 फायर टेंडर मौके पर पहुंचे, दो ढाई घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया लेकिन आग बुझाने के 4 घंटे बाद अचानक बिल्डिंग में एक धमाका हुआ और उसके बाद पूरी बिल्डिंग भरभराकर गिर गई। जिस वक्त यह बिल्डिंग जमींदोज हुई उस वक्त बिल्डिंग के बाहर कई आग बुझाने वाले कर्मी मौजूद थे। फैक्ट्री में काम करने वाले एक दर्जन से अधिक लोग आग से बचा हुआ सामान बाहर फेंक रहे थे।
लुधियाना के लोकसभा सांसद रवनीत सिंह बिट्टू के मुताबिक, फैक्ट्री की अंतिम मंजिल पर केमिकल से भरा एक ड्रम था जो आग की जद में आने के बाद फट गया और घमके से पूरी बिल्डिंग धराशाई हो गई।
प्रशासन में सेना और एनडीआरएफ की टीम के अलावा स्थानीय पुलिस के सहयोग से बचाव कार्य शुरू किया और सात-आठ घंटे की मशक्कत के बाद तीन शव बाहर निकाल लिए गए। मलबे में दबा एक व्यक्ति भी जिंदा बाहर निकल आया लेकिन भवन की मलबे में अभी भी बीस के करीब लोग फंसे हुए हैं।