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नई दिल्ली: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शनिवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की। इस दौरान अपने मंत्रिमंडल के विस्तार तथा राज्य के मंत्री राणा गुरजीत सिंह के खिलाफ लगे बेनामी लेनदेन के आरोपों के बारे में चर्चा की। हालांकि कैप्टन ने इसे शिष्टाचार भेंट बताया है। सूत्रों ने बताया कि अमरिंदर ने कांग्रेस उपाध्यक्ष को इस मामले में शुरू की गई न्यायिक जांच के बारे जानकारी दी। पंजाब के सिंचाई और ऊर्जा मंत्री राणा गुरजीत सिंह पर आरोप है कि उन्होंने हाल ही में हुई नीलामी में अपनी कंपनी के कर्मचारियों के माध्यम से रेत की खानों की निविदा हासिल की। मुख्यमंत्री ने आम आदमी पार्टी के विधायक सुखपाल खैरा द्वारा इस मामले की जांच कर रहे न्यायमूर्ति सेवानिवृत्त जेएस नारंग की ईमानदारी पर उठाए गए सवाल को खारिज कर दिया। उन्होंने खैरा की इस दलील को भी दरकिनार कर दिया कि न्यायमूर्ति नारंग को जांच से खुद को अलग कर लेना चाहिए क्योंकि उनके बेटे राणा गुरजीत सिंह के रिश्तेदारों के लिए कुछ मामले में वकील के रूप में पेश हुए थे। कैप्टन ने पत्रकारों से कहा, न्यायिक जांच की रिपोर्ट आने दीजिए। बिना किसी प्रमाण के हमें मंत्री पर आरोप नहीं लगाना चाहिए। राहुल से मुलाकात पर अमरिंदर ने कहा, हमें मिले हुए एक महीने से अधिक हो गया था।

इसलिए शनिवार को हमने मुलाकात की।

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