कोलकाता: अयोध्या के राम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। सीएम ममता ने परोक्ष रूप से बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह चुनाव से पहले धर्म का राजनीतिकरण करने में विश्वास नहीं करती हैं।
क्या भाजपा महिला विरोधी है: सीएम ममता
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने आज कोलकाता में सद्भावना रैली निकाली। रैली दक्षिण कोलकाता के हाजरा क्रॉसिंग से शुरू हुई। इसमें सभी धर्म के लोग शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन किसकी पूजा करता है। मुझे देश में बढ़ रही बेरोजगारी को लेकर चिंता है। आखिर देश का पैसा कहां गया?
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा केवल भगवान राम की बात करती है, सीता की नहीं। क्या भाजपा महिला विरोधी है? सीता के बिना तो राम अधूरे ही हैं। रैली में ममता बनर्जी अपनी ट्रेडमार्क नीले बॉर्ड बॉडर की सफेद सूती साड़ी और गले में शॉल लपेटे दोनों ओर हाथ जोड़कर लोगों का अभिवादन करती चलीं।
ममता इस रास्ते पर पड़ने वाली मस्जिदों, चर्चों और गुरुद्वारों सहित विभिन्न धार्मिक स्थानों पर पहुंचीं। रैली हाजरा मोड़ से पार्क सर्कस मैदान तक गई। इससे पहले ममता कोलकाता के कालीघाट मंदिर पहुंचीं और काली माता की पूजा की थी।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुईं
ममता अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल नहीं हुईं। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की ओर से कार्यक्रम में किसी ने शिरकत नहीं की।
तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को पॉलिटिकल इवेंट कहा है। उनका मानना है कि बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव अभियान के लिए राममंदिर को एक स्प्रिंगबोर्ड की तरह इस्तेमाल करना चाहती है। इसलिए पार्टी ने इस इवेंट से दूरी बनाई है।
लोकसभा चुनाव से पहले मंदिर उद्घाटन बीजेपी की चाल: ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन करके भाजपा वोट जुटाने की चाल चल रही है। उन्होंने कहा कि मैं ऐसे उत्सवों का समर्थन नहीं करती हूं जो दूसरे समुदाय को शामिल न करें।
साउथ 24 परगना में एक कार्यक्रम में ममता ने कहा कि मैं ऐसे त्योहार में भरोसा करती हूं, जो सबको साथ लाए, सबकी बात करे। आपको जो करना है करो, आपको लोकसभा चुनाव के पहले ऐसी तिकड़म लगानी है, लगाओ, मुझे कोई परेशानी नहीं है। लेकिन दूसरे समुदाय के लोगों को दरकिनार करना सही नहीं है। जब तक मैं जिंदा हूं, हिंदू और मुस्लिमों के बीच भेदभाव नहीं होने दूंगी।