नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य की लंबित केंद्रीय निधि पर चर्चा करने के लिए बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और बकाया राशि जारी करने की मांग की। प्रदेश के बकाया भुगतान को लेकर केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल के बीच चल रहे तनाव के बीच सूबे की मुखिया ममता बनर्जी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।
पीएम ने संयुक्त बैठक का दिया आश्वासन
मुलाकात के दौरान सीएम बनर्जी ने पीएम मोदी से मनरेगा जैसी विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के तहत मिलने वाली धनराशि को जारी करने की मांग की। संसद परिसर में पीएम मोदी से मुलाकात के बाद उन्होंने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए बैठक की जानकारी दी। ममता बनर्जी ने बताया कि वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री ने प्रस्ताव दिया कि राज्य और केंद्र के अधिकारी एक साथ बैठ सकते हैं और मुद्दों को सुलझा सकते हैं। ममता ने कहा कि 155 केंद्रीय टीमें पहले ही पश्चिम बंगाल का दौरा कर चुकी हैं। इन टीमों के समक्ष राज्य सरकार ने केंद्र द्वारा उठाए गए मुद्दों पर पहले ही स्पष्टीकरण दिया है।
उन्होंने कहा कि पीएम ने कहा है कि केंद्र और राज्य के अधिकारी एक संयुक्त बैठक करेंगे। मैंने कहा कि हमने 155 बार स्पष्टीकरण दिया है। हम एक बार फिर ऐसा कर सकते हैं, वे फॉर्मूला तय कर सकते हैं। संघीय ढांचे में केंद्र सरकार की भी हिस्सेदारी होती है और राज्य की भी हिस्सेदारी होती है। इस दौरान, टीएमसी के प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन भी सौंपा।
ममता बनर्जी ने केंद्र पर लगाए गंभीर आरोप
इस दौरान, ममता बनर्जी ने केंद्र पर जमकर निशाना साधा। राज्य के लिए लंबित मनरेगा निधि के बारे में उन्होंने कहा कि श्रमिकों को भुगतान करना संविधान के तहत अनिवार्य है। हमें 2022-23 के बजट में (मनरेगा के तहत) 100 दिनों के काम के लिए एक पैसा भी नहीं मिला। इसी तरह आवास योजना के लिए भी फंड रोक दिया गया। ग्रामीण विकास योजनाएं बंद कर दी गई हैं और स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम भी बंद कर दिया गया है। हमें वित्त आयोग के तहत भी फंड नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि गरीब लोगों का पैसा रोकना ठीक नहीं है। केंद्र पर हमारा लगभग 1.16 लाख करोड़ रुपये बकाया है।
लंबित बकाए में किस मद का कितना
ममता बनर्जी ने बताया कि केंद्र द्वारा लंबित बकाए में लगभग 6911 करोड़ रुपये का मनरेगा भुगतान शामिल है। इसी तरह वेतन देनदारी का 3732 करोड़ रुपये और गैर-मजदूरी देनदारियों के 3179 करोड़ रुपये लंबित है। वहीं पीएम आवास योजना के तहत स्वीकृत 11,01,731 घरों के लिए भी केंद्रीय हिस्सेदारी जारी नहीं की गई है। साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत फंड भी नहीं जारी किया गया है।
बता दें कि केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार लंबित बकाए के मुद्दे पर रस्साकशी लंबे समय से जारी है। इस मुद्दे पर टीएमसी ने अक्तूबर में राजधानी दिल्ली में अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन भी किया था। वहीं केंद्र ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र पोषित योजनाओं में राज्य सरकार भ्रष्टाचार कर रही है।