कोलकाता: केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ने रविवार को कहा कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) का अंतिम मसौदा अगले साल 30 मार्च तक तैयार होने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश से बीजेपी सांसद मिश्रा ने उत्तर 24 परगना जिले के ठाकुरनगर में मतुआ समुदाय की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न के कारण भागकर आए मतुआ समुदाय से कोई भी नागरिकता का अधिकार नहीं छीन सकता।
अजय मिश्रा ने स्थानीय बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर के साथ मंच साझा किया। उन्होंने कहा कि "पिछले कुछ वर्षों में सीएए को लागू करने की प्रक्रिया में तेजी आई है... कुछ मुद्दों को सुलझाया जा रहा है। कोई भी मतुआ लोगों से नागरिकता का अधिकार नहीं छीन सकता। अगले साल मार्च तक सीएए का अंतिम मसौदा लागू होने के लिए तैयार होने की उम्मीद है।"
सीएए में मंशा 31 दिसंबर 2014 से पहले अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से भारत में आए हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने की है।
भाजपा को चुनाव के सीएए की याद आती है: सांसद सेन
मिश्रा के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल के राज्यसभा सांसद शांतनु सेन ने कहा, "भाजपा को केवल चुनाव के दौरान मतुआ और सीएए की याद आती है। भगवा पार्टी पश्चिम बंगाल में कभी भी सीएए लागू नहीं कर पाएगी।"
सेन ने कहा, "भाजपा के झूठे दावे मतुआ और अन्य लोगों के सामने स्पष्ट हो रहे हैं। अगले साल के चुनाव में भगवा पार्टी को सभी खारिज कर देंगे।" सेन ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने देश के नागरिक के रूप में मतुआओं के अधिकारों को सुनिश्चित किया है।