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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में कई करोड़ रुपये के राशन वितरण मामले से जुडे मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक कोर्ट में सुनवाई के दौरान शुक्रवार (27 अक्टूबर) को बेहोश हो गए।

मलिक को इसके बाद बालकनी में ले जाकर पानी दिया गया। ईडी ने उन्हें कोर्ट में हिरासत मांगने को लेकर पेश किया। जांच एजेंसी ने गुरुवार (26 अक्टूबर) को मलिक के परिसरों पर तलाशी ली थी। ईडी ने एमहर्स्ट स्ट्रीट पर उनके पैतृक आवास की भी तलाशी ली। फिर कई घंटों की पूछताछ के बाद ज्योतिप्रिय मलिक को गिरफ्तार किया था।

गिरफ्तार किए जाने के बाद टीएमसी नेता ज्योतिप्रिय मलिक ने कहा था कि मैं बहुत बड़ी साजिश का शिकार हुआ हूं। मलिक ने यह भी आरोप लगाया कि यह साजिश बीजेपी और उसके नेता शुभेंदु अधिकारी ने रची है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में कहा था कि मलिक को कुछ भी होने की स्थिति में पुलिस में शिकायत दर्ज होगी क्योंकि वह बीमार थे।

उन्हें स्वास्थ्य से जुड़ी कई परेशानियां थीं। उन्होंने पूरे मामले को बीजेपी की गंदी राजनीति बताया था।

बनर्जी ने दावा किया था कि ये सब इलेक्शन को देखते हुए किया जा रहा है। दरअसल नवबंर की अलग-अलग तारीखों में मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव है। इसके अलावा अगले साल यानी 2024 में लोकसभा चुनाव है।

 वहीं बीजेपी प्रवक्ता सामिक भट्टाचार्य ने कहा कि टीएमसी भ्रष्टाचार में डूबी हुई है।

मामला क्या है?

ईडी के मुताबिक, पूरा मामला सार्वजनिक वितरण प्रणाली और कोविड लॉकडाउन के दौरान खाद्यान्न वितरण में कथित अनियमितताओं से संबंधित है। इसको लेकर ही मलिक से पूछताछ जरूरी है।

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