कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी के बाद गुरुवार को बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने सीबीआई और ईडी को चेतावनी दी कि अगर ज्योतिप्रिय मल्लिक को कोई नुकसान हुआ, तो पुलिस कार्रवाई करेगी। जहां ममता बनर्जी ने ज्योतिप्रिय मल्लिक का समर्थन किया। वहीं, लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा की कथित कैश-फॉर-क्वेरी घोटाले में एथिक्स कमेटी द्वारा जांच किए जाने पर चुप्पी जारी रही।
मल्लिक के खिलाफ ईडी की छापेमारी पर नाराज ममता बनर्जी बनर्जी ने कहा, "...(उन्हें) ब्लड शुगर है। अगर उनकी मौत हो जाती है, तो हम सीबीआई और ईडी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे। वे लोगों पर अत्याचार करते हैं और उनसे (अन्य) लोगों के नाम लेने को कहें। यह अत्याचार है।"
वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने महुआ मोइत्रा पर लगे आरोपों से खुद को दूर कर लिया है। महुआ पर संसद में सवाल पूछने के लिए 2 करोड़ कैश लेने का आरोप है।
टीएमसी ने पिछले हफ्ते कहा था कि वह एथिक्स कमेटी की जांच के बाद उचित फैसला लेगी। तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ' ब्रायन ने कहा था कि संबंधित सदस्य को मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा गया है और पार्टी समिति की जांच के नतीजों का इंतजार कर रही है।
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने (कैश फॉर क्वेरी) के मामले में 31 अक्टूबर को बुलाया है। एथिक्स कमेटी के चीफ विनोद के सोनकर ने यह जानकारी दी। इसके पहले आज (26 अक्टूबर) को लोकसभा की एथिक्स कमेटी सुनवाई हुई। महुआ के वकील जय अनंत देहाद्राई एथिक्स कमेटी के सवालों का जवाब देने पहुंचे।
जय अनंत के बाद बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे भी कमेटी के सामने पेश हुए। दुबे ने ही टीएमसी सांसद पर आरोप लगाया था कि उन्होंने बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी के कहने पर संसद में सवाल पूछे।
बीजेपी ने ममता बनर्जी की चुप्पी पर उठाए सवाल
इस पूरे मामले में टीएमसी की चुप्पी पर बीजेपी ने सवाल उठाए हैं। बीजेपी ने दावा किया कि महुआ मोइत्रा को त्याग दिया गया है। ममता बनर्जी की चुप्पी उनकी पार्टी के नेता के अपराध की स्वीकृति है। बीजेपी के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने पूछा, "महुआ मोइत्रा पर तृणमूल का रुख साफ है- हम कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। महुआ अपना बचाव खुद करेंगी।"
बीजेपी के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, "इसका क्या मतलब है: 1) तृणमूल ने स्वीकार किया कि महुआ मोइत्रा ने गंभीर उल्लंघन किए, जिसमें रिश्वत के बदले में प्रतिद्वंद्वी कॉर्पोरेट यूनिट द्वारा विदेशी धरती से संचालित होने के लिए लॉग-इन आईडी और पासवर्ड देना भी शामिल है? 2) अगर ऐसा है, तो फिर तृणमूल उसे बर्खास्त करने के बजाय अभी भी क्यों उन्हें बरकरार रखे हुए है।"
इससे पहले सीनियर बीजेपी नेता और पार्टी के बंगाल संचालन के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने कहा कि यह कोई हैरानी की बात नहीं है कि ममता बनर्जी ने महुआ मोइत्रा को "त्याग" दिया है।