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कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने विपक्षी एकजुटता की कवायद को बड़ा झटका दिया है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) 2024 का लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी, किसी भी राजनीतिक दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी। टीएमसी का गठबंधन जनता के साथ होगा। ममता बनर्जी ने कहा कि टीएमसी किसी राजनीतिक दल से गठबंधन नहीं करेगी, बल्कि आम लोगों के साथ गठबंधन करेगी। अगर लोग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ता से हटाना चाहते हैं तो वे हमें वोट देंगे। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि लोग उनके साथ हैं। ममता का यह बयान सागरदिघी उपचुनाव में कांग्रेस के बायरन बिस्वास की लगभग 23,000 मतों से जीत के बाद आया है।

पश्चिम बंंगाल की सागरदिघी विधानसभा उपचुनाव में टीएमसी को झटका लगा है। इस सीट पर दूसरे नंबर पर टीएमसी के देवाशीष बनर्जी रहे। उन्होंने कहा कि भाजपा, कांग्रेस और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) या सीपीआई (एम) की 'अनैतिक' सांठगांठ के कारण कांग्रेस ने सागरदिघी उपचुनाव जीता।

उन्होंने कहा कि अगर आप सागरदिघी में भाजपा के वोट शेयर पर नजर डालें तो यह करीब 22 फीसदी था। इस बार, उन्होंने अपने वोट कांग्रेस को स्थानांतरित कर दिए और केवल 13 प्रतिशत वोट ही हासिल कर सके।

वाम-कांग्रेस गठबंधन की नैतिक हार: ममता

ममता ने कहा कि मैं उनसे पूछना चाहती हूं कि वे चुपचाप ऐसे गठजोड़ क्यों कर रहे हैं? वाम-कांग्रेस गठबंधन भले ही चुनाव जीत गया हो, लेकिन यह उनकी नैतिक हार है। ममता ने आरोप लगाते हुए कहा कि मैं तृणमूल कांग्रेस की हार के लिए जनता को दोष नहीं देती हूं। मैं सांप्रदायिक कार्ड का इस्तेमाल करने वालों को दोष देती हूं। उन्होंने दावा किया कि भाजपा, कांग्रेस और माकपा के बीच लेन-देन का रिश्ता है।

अधीर रंजन चौधरी ने किया पलटवार

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री की टिप्पणी यह स्पष्ट करती है भाजपा के साथ टीएमसी का 'समझौता' है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी की टिप्पणी सुनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुश होंगे। ऐसे समय में जब भाजपा को बाहर करने के लिए विपक्षी एकता की जरूरत है, ममता भाजपा के साथ समझौता कर खुद को और अपने भतीजे को बचाने की कोशिश कर रही हैं।

गौरतलब है कि आए दिन कई विपक्षी नेता भाजपा के खिलाफ एक साथ आने के लिए रैली कर रहे हैं, लेकिन टीएमसी का अकेले चुनाव लड़ने के एलान से उनकी चिंता बढ़ा सकती है। तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने अपने जन्मदिन पर बुधवार (1 मार्च) को चन्नई में रैली की थी। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और अखिलेश यादव सहित विपक्ष के कई नेता पहुंचे थे। इस दौरान भाजपा के खिलाफ सभी नेताओं ने एकजुट होने की बात दोहराई थी।

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