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कोलकाता: कोलकाता में दुर्गा पूजा में ‘महिषासुर' की जगह महात्मा गांधी की तरह दिखने वाली एक प्रतिमा ने रविवार को राष्ट्रपिता की जयंती पर विवाद खड़ा कर दिया। दक्षिण पश्चिम कोलकाता के रूबी क्रॉसिंग के निकट, अखिल भारतीय हिंदू महासभा से जुड़े पूजा के आयोजकों ने शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस के निर्देशानुसार गांधी की तरह दिखने वाली मूर्ति के रूप में बदलाव कर दिया। आयोजकों ने कहा कि समानताएं होना ‘‘केवल एक संयोग'' था। पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था।

बंगाल के सबसे प्रसिद्ध त्योहारों में से एक, दुर्गा पूजा में इस साल एक कर्बसाइड पंडाल ने एक असंगत नोट पेश करने का प्रयास किया। शनिवार की शाम, शहर के लोग उस समय स्तब्ध रह गए, जब महात्मा गांधी जैसी एक आकृति को कोलकाता के एक कम फेमस पंडाल में राक्षस महिषासुर की तरह पेश किया पाया। पूजा का आयोजन एक दक्षिणपंथी समूह द्वारा किया गया था, जो नाथूराम गोडसे के फॉलोअर हैं, जिन्होंने महात्मा गांधी की हत्या की थी।

बीजेपी सहित पूरे मंडल के राजनीतिक दलों ने इस चित्रण की घोर निंदा की। हालांकि, पुलिस के आने के बाद मूर्ति को बदल दिया गया। आयोजकों का गांधी विरोधी प्रचार जारी रखते हुए अब ये कहना है कि, मूर्ति केवल गांधी के समान थी, यह वह नहीं थी।

अखिल भारत हिंदू महासभा, पश्चिम बंगाल के कार्यकारी अध्यक्ष चंद्रचूड़ गोस्वामी ने जोर देकर कहा, "निश्चित रूप से यह मोहनदास करमचंद गांधी जैसा दिखता है। यह एक सच्चाई है। लेकिन एक गंजा सिर वाला आदमी या चश्मा पहने हुए- क्या मोहनदास करमचंद गांधी ही है? आपको यहां पर उनका नाम लिखा या ऐसा कुछ भी नहीं मिल सकता है। इसलिए, यह एक बनाया गया विवाद है।"

गौरतलब है कि गोडसे और उनके मजबूत गांधी विरोधी विचारों को बढ़ावा देने के लिए उक्त संगठन की आलोचना की जाती है। पंडाल के शीर्ष पर रखे गए संगठन के एक विशाल तख्ती में नाथूराम गोडसे के बगल में रवींद्रनाथ टैगोर और नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे बंगाल के प्रतीकों की तस्वीरें हैं।

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