ताज़ा खबरें
संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में हुई हिंसा के मामले की गूंज राष्‍ट्रीय स्‍तर पर भी सुनाई दी है। बीरभूम जिले में एक राजनीतिक कार्यकर्ता की हत्या के बाद क्षेत्र में कम से कम आठ घरों में आग लगा दी गई, इसके परिणाम स्‍वरूप महिलाओं और नाबालिगों सहित 8 लोगों की मौत हो गई। इस मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट और राष्‍ट्रीय महिला आयोग ने स्‍वत: संज्ञान लिया है। मीडिया रिर्पोटस के मुताबिक, कलकत्ता हाईकोर्ट ने बीरभूम मामले में केस दर्ज किया है और चीफ जस्टिस वाली पीठ इस पर सुनवाई करेगी। तृणमूल कांग्रेस के नेता भादु शेख की कथित हत्‍या के विरोध में क्रुद्ध भीड़ द्वारा घरों में आग लगाने के कुछ घंटों बाद बीरभूम जिले के रामपुरहाट गांव में मंगलवार सुबह जले हुए शव पाए गए। जले हुए घरों में एक ही परिवार के सात लोग मृत पाए गए।

भाजपा ने इस मामले में ममता की तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा है कि यह बंगाल में राजनीतिक हत्‍याओं की लंबी सूची में नवीनतम घटना है। पार्टी ने ममता बनर्जी के इस्‍तीफे और घटना की जांच केंद्रीय एजेंसियों से कराए जाने की मांग की है।

बंगाल के 9 भाजपा सांसदों ने कल इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करके केंद्र के दखल की मांग की थी। विपक्ष ने इस मामले में ममता बनर्जी सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं और सीएम ममता 'रक्षात्‍मक मुद्रा' में हैं।'

इस मामले को लेकर विपक्ष के हमलों का जवाब देते हुए सीएम ममता ने कहा कि वे हत्‍याओं को सही नहीं ठहरा रहीं, लेकिन ऐसी घटनाएं यूपी, गुजरात, मध्‍य प्रदेश, बिहार और राजस्‍थान में अधिक होती हैं। भाजपा के सांसद दिलीप घोष ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'राज्‍य में अब तक 200 से अधिक भाजपा कार्यकर्ताओं को मारा जा चुका है। सरकार आखिर क्‍या कर रही है? इसे बर्दाश्‍त नहीं किया जा सकता।

इस बीच बुधवार को एक वरिष्‍ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि हिंसा को लेकर अब तक कम से कम 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 11 लोगों की घटना के दिन ही गिरफ्तार किया गया था। बीरभूम मामले ने सियासी रंग भी ले लिया है और बंगाल के राज्‍यपाल जगदीप धनखड़ और सीएम ममता बनर्जी आमने-सामने हैं। राज्यपाल जगदीप धनखड़ द्वारा आठ लोगों की मौत की घटना को भयावह करार देने और राज्य के ‘हिंसा एवं अराजकता' की संस्कृति की गिरफ्त में होने का दावा करने के कुछ घंटे बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनसे ‘अनुचित बयान देने से बचने' का आग्रह किया।

राज्‍यपाल धनखड़ को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी (राज्‍यपाल की) टिप्पणियां ‘अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण' हैं और ऐसे प्रतिष्ठित संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति के लिए अशोभनीय हैं। पत्र में ममता बनर्जी ने लिखा है, “आपकी बातों और बयानों का राजनीतिक स्वर होता है, जो सरकार को धमकाने के लिए अन्य राजनीतिक दलों को समर्थन मुहैया कराते हैं।” मामले को लेकर धनखड़ ने बुधवार को भी एक लेटर लिखा। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीरभूम जिले में आग लगने से आठ लोगों की मौत के मामले में पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट तलब की है।

Image

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख