नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच ठन गई है। अब भाजपा के नेताओं ने भी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। हालांकि, कोरोना वायरस के संकट के समय यह प्रदर्शन वीडियो के जरिए से किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री और पश्चिम बंगाल से भाजपा के सांसद बाबुल सुप्रियो, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और बंगाल में पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक कैलाश विजयवर्गीय समेत कई नेता विरोध-प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं।
कैलाश विजयवर्गीय एमपी के इंदौर में स्थित अपने निवास से ममता बनर्जी के खिलाफ धरना दिया। विजयवर्गीय ने कहा, 'आज दो घंटे के भाजपा के धरने का मकसद कोरोना की आड़ में ममता सरकार की राजनीति की तरफ जनता का ध्यान आकर्षित करना है। वह मरीजों के आंकड़े छुपाने के साथ केंद्र द्वारा गरीबों के लिए भेजे गए मुफ्त राशन की भी अफरा-तफरी में लगी हुई हैं।' बता दें कि हाल ही में कोरोना के हालात का जायजा लेने उत्तर बंगाल पहुंची केंद्र की एक टीम ने पश्चिम बंगाल सरकार को पत्र लिख कर उत्तर बंगाल में लॉकडाउन का और सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा था।
उत्तर बंगाल का दौरा कर रही टीम ने मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को पत्र लिख कर कहा था कि हालत पर नजर रखने और सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदम कितने प्रभावी साबित हो रहे हैं, इन बातों की जानकारी देने के लिए और फील्ड अधिकारियों की जरूरत है।
वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोरोना के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा था। ममता ने कहा था कि राज्य को जानबूझकर बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा था कि बेबुनियाद खबरें प्रसारित की जा रही है कि पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस को लेकर कुछ ही लोगों की जांच की जा रही है।