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कोलकाता: कोरोना पॉजिटिव शख्स की मौत के बाद उसके परिवारवालों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। परिवार को न तो अस्पताल शव ले जाने के लिए वाहन दे रहा है और शमशान घाट में भी लोग कोरोना महामारी से जान गंवाने वाले लोगों का अंतिम संस्कार होने दे रहे हैं। ऐसा मामला दिल्ली के बाद पश्चिम बंगाल में सामने आया है। आपको बात दें कि एम्स के डॉक्टर कह चुके है कि यह बीमारी सिर्फ खांसने से फैलती है और शव का अंतिम संस्कार करने से इसके फैलने का कोई खतरा नहीं है।

बंगाल में कोरोना महामारी से जान गंवाने वाले पहले व्यक्ति का अंतिम संस्कार स्थानीय लोगों के आपत्ति जताने के चलते देरी से हुआ। इलाके में नाकाबंदी किए बैठे लोगों का कहना था कि शव के क्रिया-कर्म से पूरे इलाके में वायरस फैल सकता है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने सोमवार को करीब दो घंटे तक स्थानीय निवासियों को समझाया कि संक्रमण से बचने के लिए जरूरी कदम उठाए गए हैं। कोलकाता पुलिस अधिकारी ने कहा कि हमने उन्हें बताया कि शव को लपेटने के दौरान सरकारी दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन किया गया है। डरने की कोई जरूरत नहीं है।

स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि शव सौंपने में बहुत विलंब हुआ क्योंकि मृतक के परिजन अस्पताल नहीं आए। शव ले जाने के लिए कोई वाहन भी नहीं मिल रहा था। एक सरकारी अस्पताल के पृथक वार्ड में भर्ती मृतक की पत्नी के स्वीकृति देने के बाद विभाग को शव सौंपा गया। अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा, बाद में बिधाननगर शहर पुलिस के अधिकारियों के एक दल की निगरानी में शव को नीमताला शवगृह ले जाया गया।

बता दें पश्चिम बंगाल में सोमवार को कोविड-19 से संक्रमित एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। उत्तर 24 परगना निवासी पिछले सप्ताह संक्रमित पाया गया था। उसे 16 फरवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

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