कोलकाता: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के छठे और अंतिम चरण में दो जिलों पूर्वी मिदनापुर और कूच बिहार के 25 सीटों पर मतदान हो रहा है। इन जिलों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और यहां चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। गुरुवार सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक 6774 मतदान केंद्रों पर होने वाले मतदान में 58 लाख से ज्यादा मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। छठे चरण में 170 उम्मीदवार मैदान में अंतिम चरण के चुनाव के लिए 18 महिलाओं समेत कुल 170 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। कड़े सुरक्षा इंतजाम करते हुए चुनावी पैनल ने केंद्रीय बलों की 361 कंपनियां तैनात की हैं, जिन्हें राज्य पुलिसबल के 12 हजार जवानों की मदद मिल रही है। कुल मतदाताओं में से 27.8 लाख महिलाएं हैं। 68 मतदाता तीसरे लिंग वाली श्रेणी में भी हैं। आजादी के बाद पहली बार वोट डालेंगे कूच बिहार के लोग आजादी के बाद, यह पहली बार है, जब कूच बिहार जिले में सीमावर्ती बस्तियों के निवासी अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। ऐसा पिछले साल इन बस्तियों के भारतीय क्षेत्र में विलय के बाद संभव हो पा रहा है।
इन बस्तियों में 9776 मतदाता हैं, जिनके लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं और जागरूकता कार्यक्रम चलाए गए हैं। उम्र 103 साल, लेकिन पहली बार डालेंगे वोट इस बार मध्य मशालदंगा के 103 वर्षीय असगर अली अपनी जिंदगी में पहली बार मतदान करेंगे। वहीं पूर्वी मिदनापुर में जिला प्रशासन ने विक्लांग लोगों के लिए चुनावों को सुगम बनाने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। हर मतदान परिसर में एक व्हीलचेयर, रैंप, ब्रेल संकेत आदि हैं। दोनों जिलों में अब तक कुल 714 संवेदनशील गांवों और 1685 संवेदनशील मतदाताओं की पहचान की गई है। व्यवधान पहुंचाने वाले लगभग 900 शरारती तत्वों की पहचान की गई है और उन सबके खिलाफ कदम उठाए गए हैं। कई दिग्गजों की भी किस्मत दांव पर पूर्वी मिदनापुर की सभी 16 सीटें जीतने वाली तृणमूल कांग्रेस ने इस बार तामलुक के सांसद सुवेंदू अधिकारी को नंदीग्राम से उतारा है। उन्हें कांग्रेस-वाम गठबंधन के सहयोग से माकपा की टिकट पर खड़े अब्दुल कबीर शेख के खिलाफ उतारा गया है। राज्य पर्यावरण मंत्री सुदर्शन घोष दास्तीकार इस चुनावी दौड़ के एक अन्य दिग्गज दावेदार हैं। वह अपनी माहिसादल सीट को बचाने के प्रयास में हैं। वहीं तृणमूल के पूर्व मंत्री हितेन बर्मन एक बार फिर सीतलकूची सीट से अपना भाग्य आजमा रहे हैं।