नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि असम में एनआरसी की कवायद राजनैतिक उद्देश्यों से की गई ताकि लोगों को बांटा जा सके। उन्होंने चेतावनी दी कि इससे देश में रक्तपात और गृह युद्ध छिड़ जाएगा। भाजपा पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि यह पार्टी देश को बांटने का प्रयास कर रही है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी कहती हैं कि देश में गृह युद्ध हो सकता है। वह स्पष्ट करें कि किस प्रकार का गृह युद्ध होगा। इस मुद्दे पर वह देश की जनता के सामने अपना रुख स्पष्ट करें।
ममता बनर्जी ने कहा, 'एनआरसी राजनैतिक उद्देश्यों से किया जा रहा है। हम ऐसा होने नहीं देंगे। वे (भाजपा) लोगों को बांटने का प्रयास कर रहे हैं। इस स्थिति को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। देश में गृह युद्ध, रक्तपात हो जाएगा।' असम में रह रहे असली भारतीय नागरिकों की पहचान के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चल रही व्यापक कवायद के तहत अंतिम मसौदा सूची में 40 लाख से अधिक लोगों को जगह नहीं मिली है। ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा उनकी आवाज नहीं दबा सकती है और उन्हें उसकी नीतियों के खिलाफ बोलने से नहीं रोक सकती है।
ममता बनर्जी ने कहा कि अगर भाजपा उन्हें कार्यक्रमों में बोलने से रोकती है, तो वह सड़क पर उतरेंगी। उन्होंने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, 'उन्हें लगता है कि वे मुझे रोक सकते हैं, मेरी आवाज दबा सकते हैं। मैं उन्हें बताना चाहती हूं कि मैं उनके और उनकी नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए सड़क पर उतरूंगी। वह मेरे लिए सबसे अच्छा रहेगा।' ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी न्यायपालिका और मीडिया को धमकाना चाहती है ताकि उनके खिलाफ कोई आवाज नहीं उठा सके।
इस मुद्दे की गूंज संसद के दोनों सदनों में सुनाई पड़ी। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष से अपील की कि वह इस संवेदनशील मामले का राजनीतिकरण नहीं करे क्योंकि सूची उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर प्रकाशित की गई है और केंद्र की इसमें कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने कहा कि एनआरसी की मसौदा सूची में जिन लोगों के नाम नहीं हैं, उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।