कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज शनिवार एस्पलेनैड में तृणमूल कांग्रेस की वार्षिक शहीद दिवस रैली में पार्टी की आगामी लोकसभा चुनावों की रणनीति का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त से उनकी पार्टी 'भाजपा हटाओ, देश बचाओ' अभियान की शुरुआत करेगी। मोदी सरकार के अविश्वास प्रस्ताव में जीत हासिल करने के एक दिन बाद ही यह रैली हुई। ममता ने रैली में कहा जिस तरह से देश में हर जगह मॉब लिंचिंग हो रही है, वे लोगों के बीच तालिबान बना रहे हैं। भाजपा और आरएसएस में कुछ अच्छे लोग हैं, जिनका मैं सम्मान करती हूं लेकिन कुछ लोग गंदे खेल खेल रहे हैं।
चंदन मित्रा टीएमसी में शामिल
रैली में पूर्व राज्यसभा सांसद चंदन मित्रा, पूर्व सीपीएम सांसद मोईनुल हसन, कांग्रेस नेता यास्मिन और मिजोरम के एडवोकेट जनरल विश्वजीत देब टीएमसी में शामिल हुए। दो बार के राज्यसभा सांसद व भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य चंदन मित्रा ने कुछ दिनों पहले पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। मित्रा बिहार व पश्चिम बंगाल में पार्टी के प्रभारी भी रह चुके हैं। मित्रा ने 2014 में हुगली सीट से लोकसभा चुनाव भी लड़ा था। हारने पर भी उन्होंने दो लाख से ज्यादा वोट हासिल किए थे।
भाजपा ने नहीं दी ज्यादा तवज्जो
चंदन मित्रा के भाजपा से बाहर जाने को पार्टी ने ज्यादा तरजीह नहीं दी है। वैसे भी लंबे समय से मित्रा भाजपा में अलग थलग पड़े थे। पार्टी के एक प्रमुख नेता ने कहा है कि पार्टी छोड़ने वाले को रोका नहीं जाता है। जो सिद्धांतों से बंधे हैं वे पार्टी के साथ हैं। चंदन मित्रा को पार्टी ने भरपूर दिया है, लेकिन वे छोड़ रहे हैं, यह उनका फैसला है। मित्रा ने भी पार्टी को लेकर कोई नाराजगी नहीं जताई है। मित्रा को पार्टी में आडवाणी खेमे का माना जाता था।
तृणमूल को मिलेगा लाभ
पश्चिम बंगाल में भाजपा बड़ी ताकत के रूप में उभर रही है और उसे रोकने के लिए ममता बनर्जी पूरी ताकत लगाए हुए हैं। चंदन मित्रा के साथ आने से उनको लाभ मिलेगा। मित्रा भाजपा की कोर रणनीति से जुड़े रह चुके हैं, ऐसे में वह तृणमूल कांग्रेस की रणनीति में अहम भूमिका निभा सकते हैं। हालांकि, भाजपा का मानना है कि पार्टी की तब की और अब की रणनीति में जमीन आसमान का अंतर है।