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कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस के प्रति अपने रुख में नरमी का संकेत दिया है। उन्होंने शनिवार को कहा कि वह केंद्र में भाजपा नीत सरकार को सत्ता से बाहर करने के लिये कांग्रेस के साथ मिलकर काम करने के खिलाफ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा नीत राजग सरकार ‘सौ हिटलर’ की तरह बर्ताव कर रही है। तृणमूल अध्यक्ष ने इंडिया टुडे पत्रिका को दिये साक्षात्कार में कहा कि उनके संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ बहुत अच्छे संबंध हैं, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ कभी काम नहीं किया। उन्होंने राहुल को ‘काफी जूनियर’ बताया।

इस साक्षात्कार में प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उनकी ‘ऐसी कोई मंशा’ नहीं है। हालांकि, यह कहे जाने पर कि क्या वह खुद को उस पद की दौड़ से बाहर नहीं कर रही हैं तो वह अनिश्चित दिखीं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के लिये तैयारी करने की जगह हमें साथ मिलकर काम करना चाहिये।’ सुश्री बनर्जी ने कहा कि उन्हें किसी के साथ भी काम करने में तब तक कोई समस्या नहीं है, जब तक कि उनकी मंशा और दर्शन साफ हो।

कांग्रेस नेतृत्व के साथ संबंधों के बारे में पूछे जाने पर सुश्री बनर्जी ने कहा कि वह राजीव जी या सोनिया जी के बारे में जो कह सकती हैं, वो राहुल के बारे में नहीं कह सकतीं, क्योंकि वह काफी जूनियर हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या वह कांग्रेस के साथ काम करने या उसके साथ तालमेल करने के खिलाफ नहीं हैं तो उन्होंने कहा कि उनको कोई समस्या नहीं है। उनकी मेरी मंशा सबको एकजुट करने की है। लेकिन यह उनका अकेले का फैसला नहीं है। यह सभी क्षेत्रीय दलों को फैसला होना चाहिये। उन्हें किसी के साथ भी काम करने में समस्या नहीं है जब तक कि वे सक्षम हैं और उनकी मंशा, उनका दर्शन और उनकी विचारधारा स्पष्ट है।’

कुछ विपक्षी पार्टियों के कांग्रेस को छोड़कर संघीय मोर्चा बनाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि कुछ पार्टियां कांग्रेस का समर्थन नहीं करती हैं क्योंकि उनकी अपनी क्षेत्रीय मजबूरियां हैं। उन्होंने कहा कि वह उन पर दोषारोपण नहीं कर रही हैं। उनका कहना है कि भाजपा के खिलाफ मिलकर काम करते हैं। अगर कांग्रेस मजबूत है और कुछ स्थानों पर अधिक सीट पाती है तो उसे अगुवाई करने दें। अगर क्षेत्रीय दल किसी और जगह एकसाथ हैं तो वे निर्णय करने वाले हो सकते हैं।’

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