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कोलकाता: डोकलाम विवाद के बाद पहली बार उच्च स्तरीय चीनी सैन्य प्रतिनिधिमंडल भारत आया है। 10 सदस्यीय ये दल सोमवार को दिल्ली आया। दिल्ली में इस दल ने थल सेना के सह सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अंबु से मुलाकात की। ये दल आगरा, सुकना और कोलकात्ता जायेगा। चीनी सेना के दल काआना वुहान समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात के बाद रिश्तों में आई गरमाहट का नतीजा है।

पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की वेस्टर्न थिएटर कमाण्ड के डिप्टी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल लियु शावू की अध्यक्षता में 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल फिलहाल सुकना के दौरे पर है जहां अपने समकक्ष भारतीय प्रतिनिधिमंडल से सीमा पर शांति बहाली के अनेक मसलों पर विचार विमर्श किया गया है। साथ ही सरहद पर आपसी विश्वास को मजबूत करने के लिए सकारात्मक कदम उठाने की बात होगी।

आपको बता दें कि पिछले साल डोकलाम में भारत और चीन की सेनायें आमने सामने करीब 70 दिन थी। बड़ी मुश्किल से इस विवाद को पीछे छोड़कर अब दोनों देश आपसी रिश्ते को बेहतर करने में जुटे हैं।

पहली बार विश्वास बहाली के उद्देश्य से चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का एक प्रतिनिधिमंडल भारत की यात्रा पर आया है। डोकलाम विवाद के बाद यह पहला अवसर है जब दोनों देशों की सेना के बीच रिश्ते बेहतर करने के लिये अलग से सैन्य प्रतिनिधिमंडल यात्रा पर आया हो।

उम्मीद है कि इस मुलाकात के बाद अब भारत और चीन के बीच डोकलाम विवाद के बाद टला दोनों देशों के बीच होने वाले साझा युद्धाभ्यास हैंड इन हैंड भी जल्द दोबारा आयोजित किया जाएगा। अब यह सैन्य अभ्यास चीन में होगा।

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