कोलकाता: पश्चिम बंगाल में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर विवादास्पद बयान देने पर भाजपा सांसद रूपा गांगुली के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर ममता बनर्जी सरकार पर हमला करते हुए रूपा गांगुली ने शुक्रवार को कहा था, 'उनकी (तृणमूल कार्यकर्ताओं की) पत्नियों और बेटियों को बंगाल भेजो, अगर 15 दिन तक भी वो खुद को रेप होने से बचा सकें तो मुझसे कहना।' तृणमूल कांग्रेस का जवाब भी त्वरित और उतना ही हैरान करने वाला था। मंत्री शोभनदेब चटोपाध्याय ने कहा, 'पूरे राज्य पर इल्जाम लगाने से पहले उन्हें यह भी बताना चाहिए कि बंगाल में उनके साथ कितनी बार बलात्कार हुआ, तब यह पता चलेगा कि इस बयान के पीछे कितनी सच्चाई है।' पिछले महीने उत्तरी दिनाजपुर जिले के रायगंज में तीन आदिवासी महिलाओं के साथ कथित गैंगरेप का मामला सामने आने के बाद से दोनों दलों के बीच जारी जुबानी जंग की वजह से पश्चिम बंगाल में राजनीति का यह निचला स्तर देखने को मिला है। इलाके के आदिवासियों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर हंगामा किया था।
बाद में भाजपा द्वारा जारी बयान में पुलिस पर आरोप लगाया गया कि वह दोषियों की गिरफ्तारी में नाकाम रही। साथ ही पुलिस को तृणमूल कांग्रेस जी-हुजूरी करने वाला भी बताया गया। अभिनेता से नेता बनीं और 2015 में भाजपा में शामिल हुईं रूपा गांगुली ने राज्य सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यहां लोकतंत्र की मौत हो चुकी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा ने रूपा गांगुली का बचाव करते हुए कहा, 'उनके बयान के शाब्दिक अर्थ में जाने की बजाय इस मुद्दे को ज्यादा महत्व दिया जाना चाहिए।' रूपा गांगुली राज्य में पार्टी की सबसे सशक्त आवाज बनकर उभरी हैं, जिससे राज्य में पार्टी के वोट शेयर में अच्छी खासी वृद्धि हुई है। 2011 के चुनाव में जहां यह 9 फीसदी था, वहीं 2016 के चुनाव में यह बढ़कर 31 फीसदी हो गया। पश्चिम बंगाल में पिछले करीब एक महीने से तनावपूर्ण माहौल है। चाहे वो बशीरहाट में हुए सांप्रदायिक तनाव हों या फिर अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर दार्जीलिंग में जारी प्रदर्शन, जिसका नेतृत्व गोरखा जनमुक्ति मोर्चा कर रहा है और जो भाजपा का सहयोगी संगठन है।