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कोलकाता: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उत्तर 24 परगना जिले में सांप्रदायिक हिंसा पर पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट मांगी है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात की है। इससे पहले फेसबुक पर एक आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24 परगना जिले में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के बाद बदुरिया में इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी गई है। वहीं राज्य सरकार ने स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस की मदद की खातिर अर्धसैनिक बल बीएसएफ के 400 जवान वहां भेजे थे। पुलिस ने बताया कि बसीरहाट अनुमंडल के बदुरिया में दो समुदायों के सदस्यों के बीच कल रात पोस्ट को लेकर झड़पें शुरू हुयीं। उसके बाद एक युवक को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि हिंसक भीड़ ने कई स्थानों पर सड़कों को जाम कर दिया और दूसरे समुदाय के लोगों पर हमला किया तथा कई दुकानों को निशाना बनाया। किसी के हताहत होने की अभी तक कोई खबर नहीं है। पुलिस ने कहा कि बदुरिया में दूकानें बंद रहीं और तनाव आसपास के इलाकों जैसे केवशा बाजार, बांसतला, रामचंद्रपुर और तेनतुलिया में भी फैल गया। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बल के दक्षिणी बंगाल फ्रंटियर से 400 जवान बसीरहाट सहित विभिन्न स्थानों पर तैनात किए गए हैं।

उन्हें स्थिति पर काबू पाने की खातिर पुलिस की मदद के लिए तैनात किया गया है। इस बीच एक अप्रत्याशित टनाक्रम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी पर उन्हें फोन पर धमकाने का आरोप लगाया और कहा कि वह भाजपा के प्रखंड अध्यक्ष की तरह बर्ताव कर रहे हैं। ममता ने कहा, मैं यहां किसी की दया पर नहीं हूं। उन्होंने जिस तरीके से मुझसे बातचीत की, एक बार तो मैंने 'कुर्सी' छोड़ने की सोची। त्रिपाठी ने ममता के रूख और भाषा पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि हमारी बातचीत में ऐसा कुछ नहीं हुआ जिससे ममता बनर्जी को लगे कि उनकी बेइज्जती हुई या उन्हें धमकाया गया या उन्हें अपमानित किया गया।

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