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सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल): भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को अपने घर भोज देने वाले जनजातीय दंपति राजू और गीता महाली बुधवार को तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। तृणमूल कांग्रेस की दार्जिलिंग इकाई के अध्यक्ष और राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देब ने कहा कि वे अपनी मर्जी से पार्टी में शामिल हुए हैं। हालांकि बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने आरोप लगाया है कि दंपति को मजबूर किया गया। महाली दंपति की तरफ से लिखा हुआ एक नोट पढ़ते हुए देब ने कहा, ममता बनर्जी की अगुवाई वाले राज्य सरकार के विकास कार्य से सहमत होकर हम अपनी मर्जी से तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए हैं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने 25 अप्रैल को पार्टी की ‘विस्तार यात्रा’ के दौरान नक्सलबाड़ी के जनजातीय दिहाड़ी मजदूर राजू महाली के घर भोजन किया था। शाह ने कातिकाजोते गांव में जमीन पर बैठ कर केले के पत्ते पर दाल, रोटी खाई थी। महाली घरों और इमारतों की रंगाई कर अपनी जीविका चलाता है। बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, दंपति अपनी मर्जी से तृणमूल में शामिल नहीं हुए, उन्हें बाध्य किया गया। जनजातीय दंपति को धमकी दी गई। स्थानीय तृणमूल नेताओं ने उन पर सत्तारूढ़ दल के नेताओं को घर पर बुलाने का दबाव बनाया। वे बीते कुछ दिनों से लापता थे। हमने गुमशुदी की एक शिकायत दर्ज कराई थी।

भाजपा ने आदिवासी दंपति के कथित रूप से अगवा कर तृणमूल कांग्रेस का सदस्य बनाने की घटना की निंदा करते हुए कहा कि दबाव से लोकतंत्र के प्रवाह को रोका नहीं जा सकता। विधि मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि बंगाल लम्बे समय तक वामपंथी हिंसा और खौफ से पीड़ित रहा है और अब वहां यह दौर तृणमूल के माध्यम से चल रहा है। जब भी दबाब से बदलाव का प्रयास किया जाता है तो प्रतिक्रिया होती है और जनता जवाब देती है।

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