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कोलकाता: बड़े नोटों को चलन से बाहर करने के केन्द्र के कदम पर अपनी घोर प्रतिद्वंद्वी माकपा के साथ काम करने की इच्छा जताने के एक दिन बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज इस वाम दल के महासचिव सीताराम येचुरी को फोन किया और भाजपा एवं इसकी ‘जन विरोधी नीतियों’ के खिलाफ ‘एकजुट होकर लड़ने’ का आग्रह किया। हालांकि एक वरिष्ठ माकपा नेता ने इस कॉल को अपनी पार्टी के उन नेताओं को बचाने के लिए की गई ‘हताशा भरी कॉल’ करार दिया जो कथित तौर पर भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य मोहम्मद सलीम ने बताया, ‘हां, ममता बनर्जी ने आज सीताराम येचुरी से बातचीत की और उन्हें बताया कि सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ खड़ा होना चाहिए। येचुरी ने जवाब दिया कि चूंकि वह यात्रा कर रहे हैं, वह पार्टी में इस पर चर्चा करने के बाद ही इस मामले पर टिप्पणी कर सकेंगे।’ उन्होंने बनर्जी के फोन कॉल को ‘भ्रष्टाचार’ में लिप्त उनकी पार्टी के नेताओं को बचाने के लिए की गई एक ‘हताशा भरी कॉल’ बताया। सलीम ने कहा, ‘यह कॉल सारदा और नारदा घोटालों में कथित तौर पर लिप्त तृणमूल के नेताओं को बचाने का एक प्रयास है। तृणमूल कांग्रेस की विश्वसनीयता क्या है? वे कैसे कालाधन के खिलाफ लड़ने की बात कर सकते हैं जब खुद उनकी (ममता) पार्टी के नेता ही सारदा घोटाले में गिरफ्तार किए गए हैं।’

उन्होंने कहा, ‘जो लोग पश्चिम बंगाल में भ्रष्टाचार के जरिये अपनी पार्टी चला रहे हैं, उन्हें कालाधन के बारे में बहुत अधिक बात नहीं करनी चाहिए।’

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