पटना: बिहार में नई सरकार के गठन को लेकर आज एनडीए के विधायक दल की बैठक हुई। इस बैठक में विधायक दल के नेता के रूप में निवर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुना गया है। इस तरह नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। नीतीश कुमार सोमवार को 4.30 बजे शपथ लेंगे। वहीं, सुशील मोदी को विधानमंडल का नेता चुना गया है। कयासों पर विराम लगाते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एनडीए की बैठक के दौरान यह घोषणा की है।
बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद थे। नीतीश आज शाम राज्यपाल फागु चौहान से मुलाकात करेंगे। इस दौरान वह राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। वहीं, बताया गया है कि सुशील मोदी ही इस बार बिहार के उपमुख्यमंत्री होंगे।इससे पहले भाजपा और जदयू के विधायक दल की बैठक हुई। कटिहार के चुने गए विधायक तारकिशोर प्रसाद को भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया है। वहीं रेणु देवी को उपनेता के रूप में चुना गया है। इसकी आधिकारिक घोषणा राजनाथ सिंह ने कर दी है। वहीं जदयू की बैठक में नीतीश कुमार को विधायक दल का नेता चुना गया।
इसके बाद सभी विधायक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के घर पहुंचे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, देवेंद्र फडणवीस और भूपेंद्र यादव ने भी सरकार गठन को लेकर नीतीश के घर पर बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री के तौर पर नीतीश कुमार के नाम पर सहमति बनी।
मंत्रिमंडल में हो सकते हैं नए चेहरे
बताया गया है कि इस बार नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में नए चेहरे शामिल हो सकते हैं। इस चुनाव में भाजपा दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। वहीं, जदयू को कम सीटें हासिल हुई हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल में इस बार भाजपा का दबदबा ज्यादा रहने वाला है। नियम के मुताबिक बिहार के विधानसभा में सीटों की संख्या के मुताबिक अधिकतम 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं।
बता दें कि इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा को 74 सीटें हासिल हुई हैं और वह राज्य की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है। पिछले चुनाव में भाजपा को 53 सीटें मिली थीं। वहीं, जदयू को पिछले चुनाव में 71 सीटों पर जीत हासिल हुई थी, लेकिन इस बार यह आंकड़ा घटकर 43 पर आ गया है। दूसरी तरफ, हम और वीआईपी जैसे दलों को चार-चार सीटों पर जीत मिली है।
किसी और के पास होगा नीतीश को नियंत्रित करने का रिमोट
वहीं, कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा, 'पहले, नीतीश कुमार जी बिहार में एक अच्छे एनडीए नेता के रूप में उभरे। लेकिन इस बार, उनकी संभावना पहले की तरह नहीं है। भाजपा ने उन्हें कमजोर करने की साजिश की है। अब भले ही वह एनडीए के नेता या मुख्यमंत्री के रूप में चुने गए हों, किसी और के पास उन्हें नियंत्रित करने का रिमोट होगा।'