पटना: मंगलवार को जदयू मुख्यालय के कर्पूरी सभागार से दो सत्रों में 24 विधानसभा क्षेत्रों में आयोजित वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष को जमकर निशाने पर लिया।
नीतीश कुमार ने कहा कि कि मैं चुपचाप दिन-रात काम करता हूं। कुछ लोग सिर्फ बोलते हैं। मेरे लिए पूरा बिहार ही एक परिवार है। आप लोगों ने मौका दिया और हम सेवा में लगे हैं, जबकि कुछ लोगों के लिए परिवार का मतलब बेटा-बेटी है। ऐसे लोग लोगों की सेवा में नहीं अपने परिवार के उत्थान के विशेषज्ञ हैं। नीतीश ने कहा कि बिहार की जनता ने सेवा का मौका दिया तो हर बार उन्होंने पिछले कार्यकाल से अधिक कार्य किया है। ऐसा कौन सा क्षेत्र है जिसमें काम नहीं हुआ।
सीएम ने कहा कि पति-पत्नी के 15 साल के शासन में सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा के क्षेत्र में क्या काम हुआ था? कानून की क्या स्थिती थी? हमने जंगलराज को खत्म कर कानून का राज स्थापित किया। नई पीढ़ी को बताना चाहिए कि बिहार में कैसी सड़कें थीं, स्कूलों का क्या हाल था। बिजली आपूर्ति कितनी थी। वैसे लोग दुष्प्रचार करते हैं जिन्हें काम में कोई रुचि नहीं है। हमने कहा था कानून का राज स्थापित करेंगे, न्याय के साथ विकास करेंगे, हर तबके का विकास करेंगे और किया है। लोग विकास की बात करते हैं लेकिन उनको पता ही नहीं है बिहार का कितना विकास हुआ है। पूरे राज्य की वृद्धि हुई है कोई यहां उद्योग नहीं लगाना चाहता क्योंकि यहां समुद्र नहीं है, इसलिए हम स्थानीय स्तर पर उद्योग लगाने के लिए काम कर रहे हैं।
नीतीश ने कहा कि लड़कियों की शिक्षा के लिए काम किया, इस बार मैट्रिक की परीक्षा में लड़कियों की संख्या लड़कों से ज्यादा थी। जो बच्चे स्कूल से वंचित थे उनको स्कूल पहुंचाने का काम किया। हमने स्कूलों का निर्माण कराया। हर पंचायत में स्कूलों के संचालन का लक्ष्य लिया। कोरोना संकट के दौरान बिहार और केन्द्र सरकार द्वारा लोगों की राहत के लिए किए गए कार्यों की उन्होंने विस्तार से चर्चा की।
नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने किस क्षेत्र में काम नहीं किया। विकास का काम, समाज सुधार का काम, आपदा का काम। कोई जानता भी था आपदा राहत। अति पिछड़े, पिछड़े, दलित-महादलित, अल्पसंख्यक, महिलाएं सबको सशक्त बनाने के लिए कार्य किया गया। 15 साल में पति-पत्नी के राज में अल्पसंख्यकों के लिए क्या हुआ था। हमलोग आए तो भागलपुर दंगा के दोषियों को सजा दिलाने के लिए आयोग का गठन किया। पीड़ितों को राहत दी तथा दोषियों को सजा के अंजाम तक पहुंचाया। सात निश्चय-2 से बिहार सशक्त और स्वाबलंबी बनेगा। हमलोग कोई भी काम नहीं छोड़ेंगे।