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पटना: दिग्गज जमीनी नेता, राजनीति के अजातशत्रु और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह (74) का अंतिम संस्कार सोमवार को वैशाली जिले में उनके पैतृक गांव शाहपुर से करीब 15 किलोमीटर दूर गंगा किनारे हसनपुर घाट पर राजकीय सम्मान के साथ हुआ। पूर्व केंद्रीय मंत्री का रविवार को दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया था। 

रविवार शाम करीब पौने आठ बजे उनके पार्थिव शरीर को दिल्ली से पटना के विधानमंडल परिसर में लाया गया था। जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव सहित विभिन्न दलों के नेताओं और पदाधिकारियों ने उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। आज यानि सोमवार को वैशाली जिला के उनके पैतृक गांव शाहपुर में उनका अंतिम संस्कार  किया गया।

 

गुरुवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया था

बता दें कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के लंबे समय तक मित्र और सहयोगी रहे सिंह ने गुरुवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया था और इस तरह की अटकलें थीं कि वह अक्टूबर-नवंबर में संभावित राज्य विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में सत्तारूढ़ जद (यू) में शामिल हो सकते हैं।

मनरेगा मेन के नाम से थे प्रसिद्ध

सबसे पहले ‘मनरेगा’ (महात्मा गांधी न्यूनतम रोजगार गारंटी) लाने वाले रघुवंश 23 मई 2004 से 2009 तक केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री रहे। विरोध के बावजूद उन्होंने 2 फरवरी, 2006 को देश के 200 पिछड़े जिलों में मनरेगा की शुरुआत की। मनरेगा मैन, गंवई अंदाज और बेबाकी के लिए माने जाने वाले रघुवंश प्रसाद ने 10 सितंबर को ही राजद सुप्रीमो लालू यादव को पत्र लिखकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, लालू ने उनके इस्तीफे को नामंजूर करते हुए कहा था कि वह राजद से बाहर नहीं जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सियासी जगत की दिग्गज हस्तियों ने उनके निधन पर शोक जताया है।

जून में कोरोना से संक्रमित हो गए थे पूर्व केंद्रीय मंत्री

जून में रघुवंश प्रसाद सिंह को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया था और उन्हें पटना के एम्स में भर्ती कराया गया था। कोविड-19 से उबरने के बाद की जटिलताओं को देखते हुए उन्हें हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थित एम्स में भर्ती कराया गया था।

1977 से लेकर 1990 तक रहे विधानसभा सदस्य 

1973 में उन्हें संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी का सचिव बनाया गया था। 1977 से लेकर 1990 तक वे बिहार विधानसभा के सदस्य रहे थे। 1977 से 1979 तक उन्होंने बिहार के ऊर्जा मंत्री का पदभार संभाला था। इसके बाद उन्हें लोकदल का अध्यक्ष बनाया गया था। 1985 से 1990 के दौरान वे लोक लेखांकन समिति के भी अध्यक्ष रहे।

छह जून 1946 को जन्मे थे रघुवंश बाबू

बिहार की वैशाली लोकसभा सीट से सांसद रहे रघुवंश प्रसाद का जन्म छह जून 1946 को वैशाली के ही शाहपुर में हुआ था। उन्होंने बिहार विश्वविद्यालय से गणित में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की थी। अपनी युवावस्था में उन्होंने लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में हुए आंदोलनों में भाग लिया था।

रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन पर राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री समेत कई नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, श्री रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन का समाचार दुखद है। जमीन से जुड़े व ग्रामीण भारत की असाधारण समझ रखने वाले रघुवंश बाबू का कद बहुत ऊंचा था। अपने संतों जैसे सादा जीवन से उन्होंने सार्वजनिक जीवन को विशेष गरिमा प्रदान की। उनके परिवार, समर्थकों व प्रशंसकों को मेरी शोक-संवेदनाएं!

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, बिहार के वरिष्ठ राजनेता रघुवंश बाबू के निधन की सूचना से अत्यंत दु:ख हुआ। उनका पूरा जीवन लोहिया जी और कर्पूरी ठाकुर जी के विचारों के प्रति समर्पित रहा। गरीब और वंचित वर्ग के कल्याण के लिए उनका समर्पण सदैव याद किया जाएगा। मैं उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। ओम शांति।

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कहा, राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव ने दुख जताते हुए कहा, प्रिय रघुवंश बाबू! ये आपने क्या किया? मैंने आपसे कहा था आप कहीं नहीं जा रहे हैं, लेकिन आप इतनी दूर चले गए, नि:शब्द हूं. दु:खी हूं, बहुत याद आएंगे...।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, श्री रघुवंश प्रसाद सिंह जी के निधन के साथ ही गांव व किसान की एक मजबूत आवाज सदा के लिए खो गई है। गांवों व किसानों के उत्थान के लिए उनकी सेवा और लगन तथा सामाजिक न्याय के लिए उनके संघर्ष को सदा याद रखा जाएगा। मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि।

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा, वह एक प्रबुद्ध सांसद और लोकप्रिय राजनैतिक कार्यकर्ता थे। वह अपने लंबे और यशस्वी सार्वजनिक जीवन में दुर्बल वर्गों के हितों और ग्रामीण विकास के सशक्त स्वर थे। ग्रामीण विकास के लिए मनरेगा जैसे कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में रघुवंश बाबू का योगदान सदैव याद किया जाएगा। उनके परिजनों, समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाएं और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना, ओम शांति।

 

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