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पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अनुसूचित जाति-जनजाति (एससी-एसटी) के लिए चुनाव से पहले बड़ा फैसला लिया है। नीतीश कुमार ने एलान किया है कि एससी-एसटी समुदाय के किसी व्यक्ति की हत्या होने पर उसके परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिलेगी। नीतीश कुमार ने अधिकारियों को इसके लिए जल्द कानून बनाने को कहा है। नीतीश शुक्रवार को अनुसूचित जाति-जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1995 के तहत गठित राज्यस्तरीय सतर्कता व मानीटरिंग कमेटी की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को कई निर्देश दिए।

नीतीश कुमार ने बैठक में अनुसूचित जाति-जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम के तहत लंबित मामलों को 20 सितंबर तक निपटाने के आदेश दिए। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, कुमार ने अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण विभाग के सचिव प्रेम कुमार मीणा को मामलों के त्वरित निपटान के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ संपर्क में रहने का भी निर्देश दिया।

 

मुख्यमंत्री ने अनुसूचित जाति-जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम के अंतर्गत गठित राज्य स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए ये बातें कहीं।

इस दौरान, वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण विभाग के मंत्री रमेश ऋषिदेव, सांसद विजय मांझी, पशुपति कुमार पारस, प्रिंस राज और आलोक कुमार सुमन के अलावा विधायकों और अन्य जन प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

सभी एससी-एसटी परिवारों को घर के लिए जमीन

नीतीश कुमार ने कहा कि बैठक में जनप्रतिनिधियों ने अहम सुझाव दिए हैं। इस पर त्वरित कार्रवाई हो। राशन कार्ड वितरण, बिना जमीन वाले सभी एससी-एसटी परिवारों को घर के लिए जमीन देना, उनका आवास निर्माण जैसे कामों में तेजी लाएं। उन्होंने कहा कि डीजीपी, सभी थानों में दर्ज कांडों की समीक्षा थानावार करें।

नीतीश ने कहा कि इस समुदाय के कल्याण के लिए हर जरूरी कार्य किये जा रहे हैं। उनको मुख्य धारा में जोड़ने के लिए अन्य संभावनाओं, योजनाओं पर भी विचार किया जाए। इनके उत्थान से ही समाज का उत्थान होगा।

 

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