पटना: लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर बीते कुछ दिनों से बिहार की सियासत सुर्खियों में हैं। महागठबंधन की ओर से टिकट नहीं मिलने के बाद अब छात्र नेता कन्हैया कुमार बेगूसराय सीट से ही सीपीआई की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। इसकी घोषणा सीपीआई की बिहार इकाई के सचिव सत्यनारायण सिंह ने पटना में की है। कन्हैया कुमार की दावेदारी के बाद अब बेगूसराय लोकसभा सीट का मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है, क्योंकि यहां अब त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा। एक ओर जहां भाजपा के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह होंंगे, तो दूसरी ओर मोदी लहर में भी अपनी छाप छोड़ने वाले राजद के तनवीर हसन और इधर युवाओं के बीच अपनी पहचान बनाने वाले जेएनयू के छात्र नेता रह चुके कन्हैया कुमार भी ताल ठौकेंगे।
माना जा रहा है कि कन्हैया की उम्मीदवारी को अन्य वामपंथी दल भी अपना समर्थन देंगे और वह संयुक्त लेफ्ट दलों के साझा उम्मीदवार होंगे। इससे पूर्व सीपीआई के केंद्रीय नेताओं से लेकर के राज्य नेतृत्व यह उम्मीद लगाए बैठा था कि राजद कन्हैया कुमार को महागठबंधन का उम्मीदवार बनाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
राजद के इसी स्टैंड को देखते हुए सीपीआई ने फ़ैसला किया कि वह इस सीट पर चुनाव लड़ेगी और कन्हैया कुमार ही उनके उम्मीदवार होंगे। दरअसल, बिहार के बेगूसराय को एक ज़माने में लेफ्ट ख़ासकर सीपीआई का गढ़ माना जाता था और इस संसदीय सीट पर कई बार पार्टी के उम्मीदवारों ने ही जीत का परचम लहराया। मगर 90 के दशक के बाद सीपीआई कमजोर होने लगी। लेफ्ट की जीत अब राजद के समर्थन पर निर्भर होने लगी। राजद के समर्थन से ही वाम दलों की जीत ही संभव होती थी। हालांकि पिछले कई महीनों से यह अटकलें लगायी जा रही थी की कन्हैया महागठबंधन के उम्मीदवार होंगे लेकिन राजद नेतृत्व ने कन्हैया को अपना उम्मीदवार नहीं बनाया।
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को लगता है कि उनके उम्मीदवार तनवीर हसन जो पिछले चुनाव में मोदी लहर के बावजूद पिछले करीब 60 हजार वोटों के अंतर से हार गए थे, अगर इस बार उन्हें फिर से उम्मीदवार बनाया गया तो तनवीर हसन राजद को यह सीट जीता सकते हैं। इस बार एनडीए से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह उम्मीदवार होंगे वहीं राजद की ओर से तनवीर हसन।