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नई दिल्ली: राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने बिहार के सीतामढ़ी जिले में पुलिस हिरासत में दो युवकों की रहस्यमयी ढंग से मौत को ‘हत्या’ करार देते हुए राज्य प्रशासन से कहा है कि इस पूरे मामले की न्यायिक जांच कराई जाए और दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए। आयोग ने ‘सीतामढ़ी संघर्ष समिति’ नामक संगठन की शिकायत के बाद इस घटना का संज्ञान लेते हुए राज्य प्रशासन को नोटिस भेजकर 10 दिन के भीतर जवाब मांगा है। अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सैयद गैयूरुल हसन रिजवी ने मंगलवार को कहा, ‘‘पुलिस हिरासत में दो युवकों की हत्या की गई है। हमने राज्य प्रशासन से कहा है कि वह इस मामले की न्यायिक जांच कराए और दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करे।’’

उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस विभाग के कुछ लोगों को निलंबित किया गया है, लेकिन यह कार्रवाई पर्याप्त नहीं है। दोषियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए।

आयोग के समक्ष की गई शिकायत में ‘सीतामढ़ी संघर्ष समिति’ के अध्यक्ष मोहम्मद शम्स शाहनवाज ने कहा, ‘‘मीडिया की खबरों के मुताबिक 28 वर्षीय गुफरान और 30 वर्षीय तसलीम आलम को लूट के मामले में गिरफ्तार किया गया था। लेकिन छह मार्च की शाम को अचानक से दोनों को सीतामढ़ी के सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां दोनों को मृत घोषित कर दिया गया।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘पोस्टमार्टम’ में इन दोनों युवकों के शरीर पर करंट लगाए जाने और चोट के निशान मिले हैं।’’

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